बच्चों की कहानी story in hindi
अगर आप बच्चो की kahaniya पढ़ना चाहते है और hindi me kahani या baccho ki kahaniya तो आप वो भी पढ़ सकते है इसके आलावा story for kids in hindi या hindi kahaniyan for child और motivational story in hindi या फिर hindi me kahani आप इस पोस्ट में पढ़ सकते है.
कहानी 1 :- दानवीर पेड़
काफी समय पहले एक बहुत बड़ा, ऊँचा और हरा-भरा सेब का पेड़ था. उसकी शाखाएं लम्बी और मोटी थी उसके अनगिनत चमकीले पत्ते हवा के झोंके से लहराते थे दूर-दूर से पंछी आते और उस पर बैठते थे पेड़ बहुत ही खूबसूरत और खुशहाल था.हर रोज उस पेड़ के पास एक लड़का आता था और उससे उस पेड़ की दोस्ती भी हो गई थी.
वो हर रोज स्कूल से आने के बाद उस पेड़ से मिलने आता पेड़ के फल खाता और साथ में लुका-छुपी भी खेलता वह अपनी सारी बात उस पेड़ को बताता.
पेड़ उस लड़के की बात बड़ी ध्यान से सुनता और उसके साथ हस्ता और वो आपस में एक दुसरे को बहुत अच्छी तरह से समझते थे इस वजह से उन दोनों का रिश्ता आपस में और गहरा हो गया.
वह लड़का उस पेड़ के साथ खूब मस्ती करता उसकी शाखाओं को पकड़ के झुला झूलता उस पेड़ के पत्तों का मुखुट बनाकर राजा बनता और खूब खेलता फिर थकने के बाद पेड़ की छाओं में सो जाता.
कुछ समय बाद जब लड़का बड़ा हो गया तो वह पेड़ के साथ कम अपने दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताने लगा और धीरे-धीरे पेड़ के पास जाना भी बंद कर दिया.
पेड़ अकेला पड़ गया और उसकी राह देखने लगा वह पेड़ उस लड़के के साथ बिताए हुए हर पल को याद करके खुश होता.
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एक दिन लड़का उस पेड़ से मिलने आया और पेड़ उसे देख कर बहुत खुश हुआ और जैसे जैसे लड़का पेड़ के करीब आने लगा पेड़ की धड़कने बड़ने लगी और बोला आओ प्यारे दोस्त ! बहुत दिनों बाद आए हो चलो कोई बात नहीं अब मेरे शाखाओं को पकड़ के झूलो फल खाओ मस्ती करो और खुश हो जाओ.
लड़का :- अब में बड़ा हो गया हूँ और तुम्हारी शाखाओं से नहीं झूल सकता.
पेड़ :- दोस्त डूबता हुए सूरज को देखो तुम्हे अच्छा लगता है न.
लड़का :- में अब बहुत busy हो गया हूँ मुझे अब बहुत कुछ करना है दुनिया देखनी है.
पेड़ :- तुम इतना दुखी क्यूँ हो.
लड़का :- मुझे पैसों की जरुरत है हमारी दुनिया में खुश रहने के लिए पैसे लगते है.
पेड़ :- में तुम्हे दुखी नहीं देख सकता माफ़ करना मेरे पास पैसे नहीं है लेकिन तुम एक काम करो मेरे पेड़ के सारे फल ले जाओ और बाजार में बेच दो उससे तुम्हारे पास पैसे भी आ जायेंगे.
लड़का :- ख़ुशी से ! सच में दोस्त के में ये फल ले जाऊं.
पेड़ :- हां ! ले जाओ और अब तो टतुम खुश हो न.
लड़का :- हाँ ! दोस्त तुम कितने अच्छे हो और पेड़ के ऊपर चढ़ा सारे फल तोड़ कर बाजार चला गया.
पेड़ को लड़के की मदद करके बहुत ख़ुशी हुई.
काफी दिन बीत गए और लड़का नही आया और पेड़ बहुत उदास हुआ अकेला महसूस करने लगा साल बीतता गया पंछी आते बैठते चेह्कते और उड़ जाते और पेड़ लड़के के आने का इंतज़ार करता.
एक दिन लड़का वापस आया और उसे देख पेड़ खूब खुश हुआ.
पेड़ :- आओ दोस्त आओ ! तुम्हे देख कर मुझे बहुती ख़ुशी हुई और मेरे साथ मस्ती करो.
लड़का :- में अब बहुत बडा हो गया हूँ मेरी शादी हो गई है मेरे बीवी बच्चे है.
पेड़ :- हाँ तुम बड़े तो हो गये हो लेकिन तुम खुश नहीं दीखते क्या हो गया की दिक्कत.
लड़का :- में अपने परिवार को खुश देखना चाहता हूँ सुखी और सुरक्षित रखना चाहता हूँ मेरे पास उनके लिए घर नहीं है.
पेड़ :- उसके दुःख को देख के बोला दोस्त मेरे पास घर नहीं है मगर ये जंगल ही मेरा घर है तुम मेरी शाखाएं काट कर ले जाओ तुम्हारा घर बन जाएगा फिर तो तुम्हे ख़ुशी मिलेगी न.
लड़का :- पेड़ पे चढ़ा और उसकी साड़ी शखाएं काटी और ले गया.
पेड़ को उसकी मदद करके ख़ुशी मिली और लड़का कई दिन बीत जाने के बाद भी उससे मिलने नहीं आया.
पेड़ फिरसे उदास हो गया फिरसे सब कुछ वही और अब तो पेड़ पंछियों से भी बातें नहीं करता और वो भी पेड़ का चक्कर लगतीं और उड़ जाती और पेड़ पर ज्यादा शखाएं भी नही थी जिस पर पंछी बैठते और उड़ जाते और पेड़ पंछियों से लड़के के बारे में पूछता लेकिन कोई जवाब ना मिलता पेड़ अब और अकेला हो गया था बस वह उस लड़के का इंतज़ार करता पेड़ ने शहर को बदलते देखा बहुत कुछ बदल गया था हरे-भरे खेतों को हटा कर वहाँ अब बड़ी-बड़ी इमारतें और पक्की सड़के बन गई थी और पेड़ों को काटकर वह टावर लगाए गए लोगो की आबादी बड़ने के कारण जंगलों को नष्ट करके वहां बद्स्तिया बनाई गई थी जंगल की हरियाली खत्म हो गई थी पेड़ कुछ नहीं कर सकता था वह भी बहुत कुछ खो चूका था क्यूंकि वो तो सिर्फ एक पेड़ था वह बहुत अकेला पड़ गया था लेकिन फिर भी वह उस लड़के का इंतज़ार करता था और एक दिन आखिरकार लड़का वापस मिलने आया और वो अब आदमी बन गया था और पेड़ उसे देख कर इतना खुश हुआ की कुछ कह न सका लेकिन लड़के के चेहरे पर उदासी थी और वह उस पेड़ के साहारे नीचे बैठ गया और रोने लगा और उसे रोता देख पेड़ से देखा न गया और वह भी दुखी हो गया और पेड़ की शखाएं ना होने के कारण उसे सिखला ना सका और ना हीं उसे खुश करने के लिए उसे फल खिला पाया.
पेड़ :- उदास हो कर! क्या बात है दोस्त क्यों रो रहे हो?
लड़का :- मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई मेरे बच्चे अब मेरा ख्याल नहीं रखते और में ऐसी जगह नहीं रहना चाहता जहाँ प्यार ना हो में बस यहाँ से कहीं दूर जाना चाहता हूँ.
पेड़ :- तुम हमेशा खुशियों के पीछे भागते रहे दोस्त तुम कही मत जाओ देखना खुशियाँ लौटकर वापस तुम्हारे पास आएंगी.
लड़का :- यहाँ कोई खुशियाँ नहीं है में बस एक नाव बनाना चाहता हूँ जिसमे बैठ कर में सैर करु इस चमकीले पानी में और लेट कर सूरज की धुप सेंकू.
पेड़ :- ऐसा करके तो तुम्हे ख़ुशी मिलेगी न.
लड़का :- हाँ ऐसा करके मुझे सुख और शांति मिलेगी.
पेड़ :- तो फिर मेरा तना काटकर नाव बना लो और पानी में सैर करो.
लड़का :- ओ प्यारे दोस्त तुम कितने अच्छे हो.
लड़का औजार लेकर आया और पेड़ काटना शुरू किया और उसने नाव बनाइ और उसे थोड़ी राहत मिली और उसकी मदद करके पेड़ को बहुत ख़ुशी मिली और पेड़ उसे नाव बनाते और उस पर बैठ कर उसे जाते देख रहा था.
लड़का तो खुश हुआ लेकिन पेड़ फिर से दुखी हुआ और फीसे अकेला पड़ गया उदास हो गया और वह अब बस लड़की का टुकड़ा बनकर रह गया समय बीतता गया और अब वह पेड़ बड़ी इमारतों की वजह से डूबता सूरज और नाही पहाड़ देख पाता था उसकी उंचाई काटने की वजह से वो कोई घर या बस्ती देख पा रहा था बस वह एक मात्र जमीन पर टुकड़ा बनकर रह गया और अब तो पंछी भी पास नहीं आते और वो हरे भरे खलियान नहीं देख पाता था अपने आस-पास खुशिहल जगह को खो दिया लेकिन वह उस लड़के को याद करता उससे सबसे ज्यादा यद् उस लड़के की ही आती शहर अब और बदल चूका था और लड़का भी बुडा हो गया था और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वो लाठी के सहारे झुक कर चलता था और सोच रहा था की वो पेड़ मिलेगा की नहीं और चलता गया की अचानक उसे वह पेड़ मिल गाया और पेड़ भी उसका इन्तेजार कर रहा था.
पेड़ :- तुम आ गए मेने तुम्हारा बहुत इंतज़ार किया है.
लड़का :- हाँ दोस्त तुमसे मिलकर मुझे अच्छा लगा सुकून मिला में दुसरे शहर गया था वह कुछ साल रहा और खाँसने लगा..
पेड़ :- तुम तो ठीक से सां भी नहीं ले पाते.
लड़का :- हाँ इस प्रदुषण ने तो हालत खराब कर दी है.
पेड़ :- माफ़ करना मेरे प्यारे दोस्त मेरे पास तुम्हे देने के कुछ भी नहीं है और मुझ पर तो अब फल भी उगते.
लड़का :- मेरे दांत कमजोर है में फल नहीं खा सकता.
पेड़ मेरी शाखाएँ भी नहीं रही जिससे तुम झूल सकते थे.
लड़का :- अब में बूड़ा हो गया हूँ झूल भी नहीं सकता.
पेड़ :- मेर ताना भी नहीं रहा तुम तो अब मेरे ऊपर .....
लड़का :- मुझमे अब ताकत नहीं रही मेरे कमर में भी अब दर्द होता है.
पेड़ ने राहत की सांस ली और बोला काश में तुम्हे कुछ दे पाता लेकिन अब मेरे पास कुछ भी नहीं बस एक लकड़ी का टुकड़ा रह गया हूँ.
हरे भरे जंग गायब हो गए है ये concrete हमे ताज़ी हवा नहीं दे सकते पर पेड़ दे सकते है ये इमारते हमे सुकून नहीं दे सकती ये इंसान इतना स्वार्थी केसे हो सकता है यर factory, miles इतना प्रदुषण फैला राहे है क्या लोग प्रकृति के नियम को भूल गए है क्या.
पेड़ चुप रहा वो कुछ नहीं बोला.
लड़का :- में बुडा हो गया हूँ मुझसे ज्यादा देर खड़ा नहीं हुआ जाता थका थका रहता हूँ मुझे सांस लेने के लिए तजि हवा चाहिए और एक शान्त जगह बैठने के लिए.
पेड़ :- खुश हुआ और खुद को सीधा किया और बोला! बस इतनी सी बात अरे ! ये पूराना लकड़ा बैठने और आराम करने के लिए बहुत है आओ दोस्त बैठ जाओ और थोडा आराम कार लो.
लड़का :- बैठ गया और उसने गहरी सांस ली और उसने चमकीले पानी में सूरज में डूबते हुए देखा और हवा के झोंके को महसूस किया और बोला तुम बहुत खुश नसीब हो दोस्त तुम्हे अच्छे नज़ारे देखने को मिलते है जैसे सूरज हवा का झोंका और चमकीला पानी.
दोनों आपस म खूब बाते करते रहे.
प्रकृति का रिश्ता हमेशा से मानव से रहा है हमे धरती माँ की रक्षा और उनका आदर करना चाहिए और याद रखे जितनी हमे पेड़ों की जरुरत है उतनी ही उतनी ही पेड़ों को भी हमारी जरूरत है.
जहाँ शुरक्षित जंगल है वहां प्रकृति भी शुरक्षित है.
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