अस्थमा के घरेलू उपचार How Is Asthma Treated and Controlled
इस पोस्ट मे आप के asthma remedies और asthma treatment at home या फिर asthma treatment in ayurveda in hindi या फिर asthma ke gharelu upchar ये सारे डाउट खत्म हो जायेंगे.इस पोस्ट मे को अस्थमा से रिलेटेड सारी जानकारी दी गयी है इसलिए आप इस पोस्ट को पढ़े और दुसरो को पढाये जिस से हमारा
भारत रोग मुक्त हो सके.
इस पोस्ट मे आप को मै दमा का सब से असरदार घरेलु उपाय बताऊंगा जिससे आप अपनी इस बीमारी से छुटकारा पा जायेंगे.दमा एक ऐसी बीमारी है जो रोगी को बहुत परेशान कर देती है और एक टाइम के बाद झटका जैसी स्थिति महसूस होने लगती है.जब अस्थमा का झटका आता है तो ये रोगी को बहुत परेशान कर देता है.ये दिक्कत तब और बड जाती है जब रोगी को कही दूर जाना हो क्यों की बहुत सरे धुल के कड और पार्टिकल है जो अस्थमा रोगी को सूट नहीं करते है.
अस्थमा (दमा) (ग्रीक शब्द ἅσθμα, ásthma, "panting" से) साँस के मार्ग मे सूजन वाला रोग है आम लक्षणों में घरघराहट, खांसी, सीने में जकड़न और साँस लेने में समस्या शामिल हैं।
भारत रोग मुक्त हो सके.
इस पोस्ट मे आप को मै दमा का सब से असरदार घरेलु उपाय बताऊंगा जिससे आप अपनी इस बीमारी से छुटकारा पा जायेंगे.दमा एक ऐसी बीमारी है जो रोगी को बहुत परेशान कर देती है और एक टाइम के बाद झटका जैसी स्थिति महसूस होने लगती है.जब अस्थमा का झटका आता है तो ये रोगी को बहुत परेशान कर देता है.ये दिक्कत तब और बड जाती है जब रोगी को कही दूर जाना हो क्यों की बहुत सरे धुल के कड और पार्टिकल है जो अस्थमा रोगी को सूट नहीं करते है.
अस्थमा (दमा) (ग्रीक शब्द ἅσθμα, ásthma, "panting" से) साँस के मार्ग मे सूजन वाला रोग है आम लक्षणों में घरघराहट, खांसी, सीने में जकड़न और साँस लेने में समस्या शामिल हैं।
1970 के बाद से अस्थमा की बीमारी गम्भीर रूप से बड गयी है। 2011 तक, पूरे वर्ल्ड में 235-300 मिलियन लोग अस्थमा प्रभावित थे,जिनमें लगभग 2,50,000 लोगो की मौत हो गयी.
अस्थमा के घरेलु उपचार
अस्थमा का अटैक पड़ने से साँस नलिकाएं पूरी तरह से ब्लाक हो सकती हैं, जिससे बॉडी के अन्य अंगों को आक्सीजन की मिलना बंद हो जाता है।अगर आप को अस्थमा की दिक्कत है तो एक बार डॉक्टर से जरुर मिल ले एंड उनसे सलाह ले. लेकिन अस्थमा को आप कुछ कारगर घरेलू उपचार की मदद से कंट्रोल कर सकते हैं।
अस्थमा को कम करने के लिये कुछ घरेलू उपचार भी हैं जो बहुत ही फायदेमंद है। ये उपाय काफी उपयोगी होते हैं। तो चलिये मे आप को कुछ ऐसे ही उपाय के बारे मे बताता हु.
1.लॉन्ग और सहद
इसके लिए आप थोड़ी से मात्रा मे लॉन्ग ले .लॉन्ग बहुत आसानी से मार्किट मे मिल जायेगा किस भी राशन की दूकान से आप लॉन्ग खरीद सकते है.उसके बाद आप थोड़ी से मात्रा मे सहद ले.सहद भी आप को आसानी से किसी भी राशन की दूकान से मिल जायेगा
कैसे इस्तेमाल करे?
4-5 लॉन्ग की काली लेना है और फिर इसको 125 ml पानी मे इसको पकाना है और इसको 5 मिनट तक पकाना है जब तक पानी का रंग भूरा ना हो जाये.इसके बाद इसमें एक चम्मच सहद पानी मिला ले एक बात का ध्यान रखना है की जब आप सहद मिलाये तो पानी जादा गरम ना हो.इसके बाद सहद को अच्छे से मिल ले.अब इसे आप चाय की तरह धीरे-धीरे रोजाना पिए आप को रिजल्ट कुछ दिन मे ही दिख जायेगा.
2.अदरक और लहसुन
अदरक और लहसुन दोनों ही अस्थमा के इलाज में बहुत कारगार साबित होते हैं। अस्थमा की शुरुआती स्टेज में 30 ml दूध में लहसुन की 4 कलियां उबाल कर डाल दे इस इसको का रोज पिए इसे आप को काफी फायदा होगा।अगर आप चाय पिने के शौकीन है तो अदरक की गर्म चाय में लहसुन की 2-3 कलियां मिलाकर सुबह-शाम पिए इस से भी अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है।
अस्थमा रोगी को लहसून की चाय या फिर दूध में लहसून उबालकर पीना भी लाभदायक है।
3.अजवाइन.
गर्म पानी में अजवाइन डालकर स्टीम लेने से भी अस्थमा को कंट्रोल करने में राहत मिलती है।
आधा कप अजवाइन का रस और इसमें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर सुबह और शाम खाना के बाद लेने से अस्थमा ख़त्म हो जाता है। अस्थमा के इलाज के लिए अजवाइन के पानी से भाप लेना भी अच्छा होता है। इसके लिए आप को कुछ ख़ास नहीं करना है बस पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और पानी से उठती हुई भाप को लें।
4.शहद
शहद को अस्थमा में काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप दिन में 3 से 4 बार एक गिलास गुनगुने पानी के साथ शहद मिलाकर पि रहे है तो ये अस्थमा को खतम कर सकता है.
5.सहजन की पत्तियां
इसके लिए आप को कुछ नहीं करना है सहजन की पत्तियों को पानी मे डालकर 5 मिनट तक उबाले और फिर उस पानी को छान ले.जब ये पानी थोडा ठंडा हो जाये तो उसमे चुटकी भर नमक,एक चौथाई नींबू का रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पियें।ये अस्थमा का बढ़िया इलाज है.
6.मेथी
अब इस पानी में शहद और अदरक का रस मिला कर रोज सुबह-शाम पिए करें। आपको लाभ जरुर होगा।
7.योग
अस्थमा से पीड़ित व्य।क्ति को योगासन और प्राणायाम का अभ्यारस करना चाहिए। इसके लिए सुबह के समय रीढ़ की हड्डी को सीधे रखकर खुली और साफ स्वच्छ हवा में सांस लेनी और छोड़नी चाहिए। इससे भोजन ठीक प्रकार हजम होगा और शरीर को पूरी ऊर्जा मिलेगी। इससे फेफड़े और श्व सन प्रक्रिया भी दुरुस्तस होती है।
8.सूखा अंजीर
अंजीर के बारे मे कहा जाता है जो जितना मीठा है उतना ही फयदेमद है
अंजीर के सूखे फल बहुत लाभकारी होते हैं। यह कफ को जमने से रोकते हैं। सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगो कर रख दें। सुबह खाली पेट इसे खा लें। ऐसा करने से साँस नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है। और इससे संक्रमण से भी राहत मिलती है।
9.करेला
करेला बहुत सरे पोषक गुणों से भरपूर होता है। करेला मे भी बहुत फायदेमंद होता। करेला का एक चम्माच शहद और तुलसी के रस के साथ मिला कर खाने से अस्थमा कम होता है।
10.हरी सब्जियां
संतरे का जूस खूब पिए, हरी गोभी में विटामिन c की मात्रा खूब पायी जाती हैं और यह अस्थमा के रोगी के लिये अच्छे होते हैं।
अस्थमा के रोगी को भोजन को धीरे-धीरे, अच्छेे से चबाकर और अपनी क्षमता से कम खाना चाहिए। कम से कम 6 से 8 गिलास पानी रोज पीना चाहिए। आहार में कार्बोहाइड्रेट चिकनाई एवं प्रोटीन जैसे पदार्थों को कम से कम और ताजे फल, हरी सब्जियां तथा अंकुरित चने को खूब खाना चाहयिए.
खाने मे ऐसी चीज़े खाए जिनमें विटामिन B की मात्रा ज़्यादा होती हो जैसे दाल और हरी सब्ज़ियां, वो अस्थमैटिक्स को अटैक से बचाती हैं।
11.तेल की मालिश
फेफड़े के अन्दर ठडक को निकालने के लिए छाती और पीठ पर कोई गर्म करने वाला तेल लगाकर ऊपर से रुई की पर्त बिछाकर रातभर या दिन भर बनियान पहने रहें।
अस्थमा होने पर छाती और रीढ़ की हड्डी पर सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के कुछ देर बाद स्टीमबॉथ भी करना चाहिए। ऐसा रोजाना करने से अस्थमा में आराम मिलने लगता है।
12.तुलसी
तुलसी के पत्तों को अच्छी तरह से साफ कर उनमें पिसी काली मिर्च मिलाकर खाने से अस्थमा कंट्रोल में रहता है।
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