परी की कहानी panchatantra short stories in Hindi with moral

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है .आप कमेंट करे हम से कांटेक्ट करेंगे आप की कहानी पब्लिश करने के लिए

कहानी-1 परी का जादू और राजकुमार


एक राजा था उसकी एक बेटी की थी जो बहुत सुन्दर थी .
राजकुमारी-पिता जी मै इन पुराने खीलोने से खेल के थक गयी हु
राजा -ओ मेरी प्यारी बेटी तुम बहुत ही कीमती हो इसलिये मै तुम्हे बहुत कीमती चीज़ दूंगा जो मुझे मेरे पिता जी ने मुझे दी थी
राजा ने तिजोरी खोली और एक चमकता हु सोने का गेद बाहर निकाला
राजा-ये बाल लो ये सुर्य के किरणों में बहुत चमकेगा लेकिन इसे तुम कभी भी मत खोना
राजकुमारी-शुक्रिया पिता जी आप इस दुनिया के सब से अच्छे पिता है
राजकुमारी ने बगीचे  में खेलना शुरू किया और गेद के पीछे -पीछे  भागने लगी तभी अचानक वहां पे एक बदसूरत मेढक आ गया

राजकुमारी -तुम यहाँ से चले जाओ गंदे मेढक
मेढक -मैंने तुम्हे झाड़ियो से देखा और मै तुम्हारी सुन्दरता पे मोहित हो गया हु ,क्या तुम मुझे अपना दोस्त बनाओगी और अपने साथ खेलने
दोगी.

राजकुमारी-तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो तुम जैसे बदसूरत और घिनोनो मेढक को अपना दोस्त नहीं बना सकती हु.
मै इस दुनिया की सब से खुबसूरत हु लड़की हो मै तुम्हारे साथ कैसे खेल सकता हु
मेढक-मै कूद सकता हु ,तुम्हारी गेद पकड़ सकता हु
राजकुमारी-मै अकेले खेलना जादा पसंद करुँगी और अपने महल में चली गयी .
अगले दिन वो गेद से खेलने आई उसने एकांत जगह चुनी एक पेड़ की नीचे जिसके पास में एक कुआ था और वो गेद से खलने लगी .
तभी वो गेद उस कुए में गिर गयी.
राजकुमारी-रोने लगी और सोचने लगी की अब उसे उसकी गेद नहीं मिलेगी.
तभी वहां पे वो मेढक आया और बोला -तुम्हे किस बात का दुःख है राजकुमारी तुम्हारे आशू तो किसी पत्थर का दिल भी पिघला सकते
है .
राजकुमारी-मै रो रही हु क्यों की मेरी गेद कुए में गिर गयी है .
मेढक -मै तुम्हारी गेद ला सकता हु लेकिन तुम मुझे बदले में क्या दोगी
राजकुमारी-तुम जो भी चाहो
मेढक-अगर तुम मेरी दोस्त बनोगी ,अपने साथ खाना कहने दोगी,अपने साथ बिस्तर पे सोने दोगी,अपने साथ खेलने दोगी,तो मै
वादा करता हु तुम्हरी गेद ले आऊंगा
राजकुमारी -ठीक है मंजूर है मुझे ,बस मेरी गेद ले आओ
मेढक तुरंत कुए गया और गेद ले के आ गया राजकुमारी ने वो गेद उठाया और भाग गयी
मेढक-रुको -रुको मुझे अपने साथ ले चलो मै तुम्हरी तरह तेज नहीं भाग सकता
पर इसका कोई फायदा नहीं हुआ .
अगले जब राजकुमारी अपने टेबल पे बैठ के सोने के थाली में खाना खा रही थी तभी दरवाजे में दस्तक हुई.
वो मेढक था .
मेढक-राजकुमारी मुझे अन्दर आने दो
राजकुमारी दरवाजा खोलने गयी और देखा की ये वही मेढक था
राजकुमारी-तुम घिनोने प्रणी,तिम्हरी हिम्मत कैसे हुए मेरे घर आने की और उसने दरवाजा बंद कर दिया
राजकुमारी परेशान हो गयी थी ये देख कर राजा ने कहा-क्या हुआ मेरी प्यारी बेटी ?तुम परेशान क्यों हो ?क्या कोई चुड़ैल थी
दरवाजे पे जो तुम्हे लेने आयी थी क्या हुआ मेरी बेटी ?
राजकुमारी-नहीं पिता जी वो एक मेढक था

राजा -उस मेढक को क्या चाहयिए
और राजकुमारी ने पूरी बात बतायी.
राजा-एक बार तुमने वादा किया है तो इसे निभाना होगा जाओ और दरवाजा खोल दो
राजकुमारी ने दरवाजा खोल दिया और वो मेढक अन्दर आ गया .
मेढक-अब हम साथ में खाना खायेंगे और सब ने साथ में खाना खाया लेकिन राजकुमारी से खाना नहीं खाया जा रहा था .

मेढक-अब मेरा सोने का मन कर रहा है अब चलो मुझे बिस्तर दिखाओ राजकुमारी मुझे सोना है तुम्हारे साथ
राजकुमारी-तुम यहाँ से भाग जाओ गंदे मेढक
राजा-बेटी तुम्हे ऐसे शब्द शोभा नहीं देते है हम अपना वादा कभी नहीं तोड़ते है
राजकुमारी मेढक को एक ऊँगली से पकड़ के अपने कमरे में ले गयी और एक कोने में रख दिया और बोली-तुम चुपचाप यहाँ पे
सोते रहना अगर तुम मुझे परेशान करोगे तो मै तुम्हे जंगल में फेक दूंगी
मेढक -मुझे आराम से सोना है ,मुझे यहाँ से uthao नहीं तो मै राजा को बता दूंगा
राजकुमारी-तुम बदसूरत मेढक
और उसने उसको उठा के दीवार पे फेक दिया मेढक गिरा और तुरंत मर गया .
राजकुमारी-अरे नहीं  ये क्या हो गया ?,उठो बदसूरत मेढक तुम ये नाटक बंद करो
लेकिन मेढक नहीं उठा और राजकुमारी रोने लगी उसने उसको मेढक को उठाया और अपने होंटो से चूमा.
मेढक में तुरंत आंखे खोली और कूद के ज़मीन पे आ गया अब वो कोई मेढक नही था बल्कि एक खुबसूरत
राजकुमार बन चूका था .

राजकुमारी-तुम कौन हो और को छोटा मेढक कहाँ गया ?
राजकुमार-मै वही मेढक हु जो अब राजकुमार बन चूका हु मै तुम्हे पूरी कहानी सुनाऊंगा,
जब मै इन्सान था तब मै बहुत चालाक और जिद्दी था एक बार जंगल में शिकार करने गया ,जानवरों को मारने के लिए अचानक एक पारी मेरे सामने आ गयी और बोली-
बेरहम इन्सान ये जानवर तुम्हारे खेलने के लिए नहीं है.भगवान ने उन्हें भी बनाया है जैसे तुम्हे बनाया है क्या उन्होंने तुम्हे चोट पहुचायी है .
राजकुमार-तुम्हारी मुझसे इस तरह बात करने की हिम्मत कैसे हुई क्या तुम जानती नहीं हो में कौन हु मै इस राज्य का राजकुमार हु
इसलिये ये मेरा जंगल मेरा है ,ये जानवर मेरे है .
राजकुमार -हट जाओ मेरे सामने से नहीं तो तुम्हे तीर मार दूंगा
देखते ही देखते वो पारी बहुत बड़ी हो गयी और बोली-मै तम्हे अपने जादू से छोटा से मेढक बनती हु अब इस जंगल के सांप तुम्हारे
पीछे पड़ेंगे और तुम्हारा शिकार करेंगे जैसे तुम इनका करते हो .
और देखते  ही देखते राजकुमार मेढक बन गया .
मेढक राजकुमार उस से विनती करने लगा और माफ़ी मांगने लगा .
तब परी ने बोला-तुम्हे एक राजकुमारी को खोजना होगा जो प्राणियों का निरादर करती हो और तुम्हे उसको मनाना होगा की
वो तुम पे दया करे अगर तुम एक भी इन्सान का दिल बदल पाये तो तभी तुम दुबरा राजकुमार बन पाओगे .
राजकुमारी बहुत शर्मिंदा हुई अपने इस व्यवहार से .
राजकुमार-निराश मत हो राजकुमारी मुझे तुम वादा करो तुम किसी भी जीव का निरादर नहीं करोगी ,तुम हर एक प्रति दयालु रहोगी.
फिर दोनों ने एक दुसरे से शादी कर ली

कहानी-2 नेकी का फल

एक दिन बात की है राजकुमार इंद्रा शिकार पे निकले थे की उन्हें एक हिरन दिखा लेकिन थोड़ी ही देर में हिरन
गायब हो गया.अब राजकुमार इंद्रा निराश होकर वापस लौटने लगे तभी उन्हें कुछ आवाजे सुनाई दी राजकुमार उन आवाजो के पीछे गया और देखा की 2 कोवे आपस में बात कर रहे थे .

वो राजकुमारी लबाम को देख कर रहे है और वो दुनिया की सब से खुबसूरत राजकुमारी है.
उनकी बात सुनकर राजकुमार इंद्रा चिल्लाया -रुको मुझे बताओ ये राजकुमारी लबाम कहाँ रहती है?
लेकिन तब तक सारे पंछी उड़ चुके थे .
 राजकुमार इंद्रा अपने राजमहल लौट आये और अपने माँ से बोले -ये राजकुमारी लबाम कौन है ?
माँ-मुझे नहीं पता बेटा
राजकुमार-मैंने खुद सुना है माँ बोलने वाले पंछी से की वो दुनिया की सब से खुबसूरत राजकुमारी है.
तभी वहां पे राजा आ गये
राजा -क्या मैंने बोलने वाले पंछी सुना?
राजकुमार-हाँ पिता जी,मैंने खुद से सुना है ,मै उस राजकुमारी को देखना चाहता हु
राजा - राजकुमारी लबाम नाम कोई कोई भी राजकुमारी नहीं है मेरे बेटे
राजकुमार-मै फिर भी खुद से पता लगाना चाहता हु पिता जी
राजा ने ना चाहते हु भी उसे जाने देते अब राजकुमार निकल देते है अकेले  राजकुमारी लबाम  की खोज मै वो पूरा दिन एक
जंगल से दुसरे जंगल में सफ़र करते है .शाम हो जाती है तब वो एक नदी के किनारे रुकते है और अपनी पोटली से खाना  निकालते है .
लेकिन वो देखते है की उसमे चीटिया है .राजकुमार उस पोटली को रख देते है और आगे बढ़ने ही वाले होते है की चीटियों का राजा उन्हें
आवाज़ देता है और कहता है-राजकुमार तुम बहुत दयालु हो ,अगर तुम्हे कभी भी हमारी जरूरत पड़े तो हमे याद करना
राजकुमार आगे बड तभी उसे किसी के रोने की आवाज़ सुनाई दी .
राजकुमार ने देखा एक शेर दर्द से चिल्ला रहा था उसके पैर में कांटे घुसे हुए थे .
राजकुमार-मै तुम्हारा ये कांटा निकाल सकता हु लेकिन उसके बाद तुमने मुझे खाने की कोशिस करी तो ?
शेर-मै वादा करता हु ,मुझे से दर्द से रहत दे दो

राजकुमार उसकी दर्द को दूर कर देते है और कांटा निकाल देते है लेकिन शेर बहुत तेज से चिल्लाता है और शेरनी आ जाती है और
वो राजकुमार पे हमला करने ही वाली थी की शेर ने उसको मना किया और बोला -ये दुश्मन नहीं है ये हमारा दोस्त है इसने मेरा
दर्द दूर किया है .

 शेरनी-तुम्हारा धन्यवाद अगर हमे मौका मिला तो हम आप की जरुर मदद करेंगे .
राजकुमार चलता गया उसे एक कुटिया दिखी वहां राजकुमार को एक फ़कीर दिखा जो बहुत बीमार था .राजकुमार ने उसे पानी पिलाया

 फ़कीर-शुक्रिया बेटा ,मेरा कोई वारिश नहीं है ,अब मेरी तीनो जादुई चीज़े तुम्हारी हुई ,जादुई कालीन,जादुई झोला इसमें से तुम जो चाहो
तुम्हे मिल जायेगा ,जादुई तलवार इसे थोडा संभल कर इस्तेमाल करना क्यों की इसके वार से कोई नहीं बच सकता .
तीनो जादुई चीज़े पाकर राजकुमार बहुत खुश हुए .राजकुमार ने जादुई कालीन से बोला मुझे राजकुमारी लबाम के राज्य में ले चलो.
और वो उस कालीन में बैठ के उसके राज्य में पहुच गये .
अब राजकुमार शाम होने का इंतजार करने लगा ,शाम हुई और राजकुमारी लबाम बालकनी में आई .
राजकुमारी बहुत ही खुबसूरत थी ,राजकुमार का दिल उन पे आ गया था .
राजकुमार-जादुई कालीन मुझे राजकुमारी के कमरे में ले चलो
और राजकुमार उनके कमरे में पहुच गया और राजकुमारी को देखने लगा .फिर उसने कहा -जादुई झोले मुझे दुनिया की सब से
खुबसूरत रिंग दो .
वो राजकुमारी को रिंग पहनाने ही वाले थी की राजकुमारी जग गयी .
राजकुमारी-कौन हो तुम यहाँ कैसे आ गये ?
राजकुमार-मै राजकुमार इंद्रा हु मैंने आप की खूबसूरती की तारीफ बोलने वाले पंछी से सुनी थी और आप की खोज में यहाँ आ गया ,मै आप से
शादी करना चाहता हु .

राजकुमारी-आप शादी की बात पिता जी से करे
अगले दिन वो राजा के पास जाते और अपनी इच्छा बताते है .
राजा -मेरी बेटी से शादी के लिए तुम्हे मेरी तीन शर्त पूरी करनी होगी क्या तुम इन्हें पूरा कर पओगे?
राजकुमार -मै राजकुमारी के लिए कुछ भी करूँगा
राजा-पहली शर्त तुम्हे दस बोरी सरसों के बीज का एक दिन में तेल निकालना है
राजकुमार इंद्रा को तेल निकालने वाली चक्की के पास ले गये और छोड़ दिया तब राजकुमार ने चीटियों के राजा को याद किया और अपनी
परेशानी बतायी .
मेहनती चीटियो ने मिल कर सारे बोरियो के तेल निकल दिये .फिर राजा ने कहा -हमारे राज्य के अंत में एक गुफा है वहां पे
2 दानव है तुम्हे उनको खत्म करना है ,ये मेरी दूसरी शर्त है .
राजकुमार इंद्रा गुफा के बहार पहुचे और उन्हीने शेर और शेरनी को बताया .शेरनी ने कहाँ-ये हम पे छोड़ दो आज हम
भर पेट खायेंगे  और दोनों दानवो को खत्म कर दिया .
अब आखिरी शर्त में राजा ने कहा-इस पेड़ को जादा से जादा 2 वार में काटना है
राजकुमार ने फ़कीर की दी हुई तलवार निकली और उस पे वार कर दिया .एक ही वार में पेड़ के दो टुकड़े हो गये
राजा -वाह! क्या बात है तुमने राजकुमारी लबाम को जीत लिया है और दोनों की शादी कर दी
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इस कहानी की विडियो आप यहाँ से देखे
 https://www.youtube.com/watch?v=1MGRdRdw9KU

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