क्या खाएं जिससे बच्चा स्वस्थ हो pregnancy me kya khana chahiye

pregnancy में बच्चे का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है जिससे बच्चे का भविष्य अच्छा हो इसलिए बहुत जरुरी है इस बात पर ध्यान देना की pregnancy के टाइम pregnancy me kya khaye और pregnancy me kya nahi khana chahiye in hindi या फिर pregnancy diet chart in hindi और garbhavastha me kya khana chahiye आप इस post के द्वारा जान सकते है यहाँ पे आपको आपके सारे सवाल clear हो जाएंगे और आप भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दे पाएंगे.

pregnancy में केसी diet लें  :-

pregnancy  के time महिला को अच्छे खान-पान और अच्छी देखभाल की जरुरत होती है ये वो टाइम होता है जब उसके अन्दर एक ज़िन्दगी पल रही होती है  pregnancy के दौरान एक छोटी सी भी गलती माँ और बच्चे दोनी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है और जानकारी के अभाव में craving के चलते महिलाएं कुछ ऐसी चीज़े खाने लगती है जिनकी सेहत को नुक्सान पहुंचा सकती है.
अगर आप ये diet चार्ट फॉलो करते है तो आपके baby का शारीरिक और मानशिक दोनों में विकास होगा
pregnancy में artificial sugar या उससे बनी drink न लें artificial sugar लेने से बच्चे के वजन पर असर पड़ता है

सेब :-

सेब health के लिए बहुत अच्छा होता है एक बहुत पुरानी कहावत है "an apple a day keep the doctor away" इसमें nutrition बहुत है power food है.

  • pregnancy में सेब खाने से बच्चे ज्यादा स्वस्थ होते है.
  • iron और calcium से भरपूर होता है सेब.
  • digestive system के लिए सेब फायदेमंद होता है.

अखरोट :-


  • गर्भ में बच्चे के मानसिक विकास में फायदेमंद है.
  • अखरोट से pregnancy में B.P. नियंत्रित रहता है.
  • अखरोट heart के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
  • अखरोट खाने से pregnancy में cholesterol बढ़ने नहीं पाता है.
  • अखरोट ज्यादा नहीं खाना है 4 या 5 से ज्यादा एक दिन में नहीं खाना है ज्यादा खाने से भी नुकसान होता है.   

क्या खाएं :-

  • पर्याप्त मात्रा में पानी से विषैले तत्व बाहर निकलते है.
  • पानी की कमी से सरदर्द की शिकायत हो सकती है.
  • pregnancy में पानी की कमी से चक्कर और उल्टियाँ आती है.
  • pregnancy में पहले 3 महीने वोमोटिंग ज्यादा होती है.
  • उलटी होने पर अदरक का छोटा सा टुकड़ा चबाएं.
  • सौंफ चबाकर खाएं.
  • नींबू पर काला नमक लगाकर चाटें.
  • नींबू पानी भी पी सकते है.   



  • pregnancy में आंवला चूर्ण से पाचन बेहतर होता है.
  • सौंफ, जीरा और धनिए तीनो बराबर मात्रा में लेकर इस मिश्रण का सेवन करें.
  • सौंफ और जीरे का पानी पीएं.
  • अपच, कब्ज और gas से राहत के लिए त्रिफला चूर्ण खाएं.
  • रात को दूध के साथ त्रिफ्लाचुर्ण ले सकते है.
  • हरी सब्जियां, फ्रूट्स, dry फ्रूट्स और नट्स खाएं.
  • दूध, पनीर और दाल खाएं.
  • सात्विक चीज़ें, सातिक विचार अपनाए.

क्या ना खाएं :-

  • आहार में गर्म चीज़ें खाने से परहेज करें.
  • नकारात्मक बातों से बचें.
  • pregnancy में प्लास्टिक के बर्तनों में भोजन नहीं करना चाहिए. 
  • चाय, कॉफ़ी, मिर्ची और अचार ना खाएं.

माँ बनने की सही उम्र:-
20 की उम्र के बाद माँ बनना चाहिए.

pregnancy प्लान क्यों जरुरी है?

जब आप प्लान करके कुछ काम करते है तो वो काम आपका बहुत अच्छा होता है ऐसे ही baby प्लानिंग भी बहुत जरुरी होती है आपके लिए भी और बच्चे के लिए भी क्यूंकि बच्चा आपका future है और एक अच्छा बच्चा healthy बच्चा mentally, spiritually, physically हर level से जो healthy बच्चा रहेगा तो आपका भविष्य अच्छा बनाएगा.

baby plan करने से पहले बरते सावधानी :-


  • पहले दोनों partner को किसी doctor से सलाह लेही चाहिए.
  • check-up कराएं और फिर baby plan करें.
  • शारीरिक और mental  level पर मजबूत रहें.

कैसे बचे एनीमिया के खतरे से :-


  • खजूर और किशमिश दूध में मिलाकर खाएं.
  • daily सेब के सेवन से खून बढ़ता है.
  • चुकंदर और गाजर का सेवन कर सकते है.
  • एक बड़ा चम्मच च्वनप्राश daily खाएं.
  • आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं.  



regular check-up कबसे कराएं :-


  • गर्भधारण के 8 हफ्ते के बाद doctor के पास regular check-up के लिए जाना चाहिए इसके बाद हर 2 महीने पर doctor के पास जाते रहें और जैसे आपके doctor आपको गाइड करें वैसा करना चाहिए.

माँ की सेहत का बच्चे पे असर :-

माँ के लिए pregnancy special period होता है  महिला उस period को enjoy भी करती है लेकिन कष्ट भी बहुत होता है कई प्रकार के challenges होते है कई प्रकार के changes होते है जो उसके मूड को भी effect करते है mood swing होता है mood कभी depression में चला जाता है  और खासतौर से अगर चारो तरफ का माहौल अच्छा नहीं है और उसको बहुत ज्यादा stress है या negativity है उसके चारो तरफ तो ये बहुत difficult है माँ के लिए भी और बच्चे के लिए भी इसका दुष प्रभाव बच्चे पे पड़ता है इसलिए कोशिश यही करें की महिला को खुश रखें.

pregnancy क्यों हो जाती है जानलेवा :-


  • pregnancy period में infection के कारण माँ की म्रत्यु हो जाती है.
  • ज्यादा ब्लीडिंग की वजह से भी मौत हो जाती है.
  • abortion से हुए इन्फेक्शन के कारण जान जाने का ख़तरा होता है.

high risk pregnancy :-


  • 35 साल के बाद माँ बनना high risk pregnancy में आता है.
  • pregnancy period में diabetes और थाइरोइड बीमारी का होना.
  • महिला को पहले से B.P., diabetes और मिर्गी की शिकायत होना.
  • नियमित रूप से doctor के पास जाते रहें    



pregnancy में करें हड्डियों की देखभाल :-

pregnancy में बहुत सारे changes आते है और जो baby है उसका growth होता रहता है.
एक special hormone होता है relaxing hormone इसका work खासतौर से जो pelvis बनाती है उनको soft करती है लेकिन वो उनको ही नहीं पुरे शरीर के जो bones होते है उनको सॉफ्ट करती है क्यूंकि हड्डियों में softness आने से fracture होने का डर रहता है या कोई चोट लग जाएं तो कुछ problem आने का डर रहता है और केवल हड्डियों का ही नहीं जो muscles जुडी हुई है ligaments और cartilage हैं अन्दर इन सब के उपर इसका प्रभाव पड़ता है pregnancy के time जो hormonal changes आते है उसका प्रभाव भी पड़ता है हमारी body पर खासतौर से bones पर.

calcium और vitamin D जरूर लें:-


  • pregnancy के दौरान बच्चे की हड्डियाँ बन रही होती है.
  • बच्चे की जरुरतें माँ की हड्डियों से calcium लेकर पूरी होती है.
  • calcium की कमी होने पर माँ और बच्चे दोनों को कमजोरी  हो जाती है.
  • pregnant women को हर रोज 1000 मी.ली. ग्राम तक calcium लेना चाहिए.

delivery के बाद :-


  • delivery के बाद calcium की जरुरत पड़ती है.
  • pregnancy के बाद breast feeding के समय महिलाएं calcium जरुर लें.
  •  बच्चे को माँ के दूध से ही calcium मिलता है.

क्या करें जिससे हड्डिय न हो कमजोर:-


  • दिन में 2 बार दूध जरूर पीएं.
  • पनीर और दही का सेवन करें.
  • पालक, गाजर और बथुए का साग खाएं.
  • मूली और शलजम के पत्तों का साग या सूप बनाकर लें.
  • तिल का रोस्ट करके खाएं.
  • अजवाइन, घी, dry fruits और गोंद के लड्डू बनाकर खाएं.    



क्या करें :-


  • sugar की जगह गुड़ खाएं.
  • डायबिटिक है तो artificial sugar खा सकते है.
  • pregnancy में soda या सॉफ्ट drinks पीना माँ और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक है.
  • soft drink और soda की जगह नींबू पानी पीएं
  • pregnancy में फलों का juice लाभकारी है.
  • जीरे का पानी माँ-बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है जीरा digestion को दुरुस्त रखता है कब्ज और gas से राहत दिलाता है  शरीर में विषैले तत्व बाहर निकालने में मददगार है urinary ट्रैक्ट infection से बचाता है खून की कमी नही होने देता है रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में helpful है.


अगर जानना चाहते है pregnant kaise hoti hai ladki तो इस लिंक पे क्लिक करें.


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