लड़के और लोमड़ी की कहानी panchtantra ki kahaniya in hindi
इस पोस्ट में आप को story for kids in hindi और bacho ki kahaniya के साथ ही panchatantra short stories in hindi with moral दिया गया है.इसमें एक kids kahani दी गयी है जो आप के बच्चे को जरुर पसंद आयेगी.
किसी ज़माने में एक राजा हुआ करता था जिसके पास एक खास -किसम का सेब का पेड़ था जिसके ऊपर सोने के सेब उगते थे .हर रोज माली इन सेब को गिनता था और राजा के हवाले करता था .
लेकिन एक दिन जब माली ने सेब गिने तो उसमे एक सेब कम था.जब माली ने एक सेब कम होने की बात राजा को बतायी तो वो बहुत गुस्सा हो गया.
और सुने कहा "हम चोर को सजा देंगे "
उस रात माली ने अपने बड़े बेटे को पहरेदारी के लिए रखा लेकीन आधी रात को बड़ा बेटा सो गया और अगले दिन एक सेब और चोरी हो गया .
तब माली ने कहा "आज मै अपने दुसरे बेटे को रखवाली के रखूंगा"
रात हो गयी और माली का दूसरा बेटा भी आधी रात में सो गया और अगले दिन फिर से एक सेब कम पाया गया .
फिर सब से छोटे और तीसरे बेटे ने रखवाली की ज़िम्मेदारी ली. रात को जैसे ही 12 बजे कुछ आवाज़ आई ,उस लड़के ने देखा की एक पंछी जो असली में सोने का था उड़ता हुआ वहा गया और सेब खाने लगा .
तब उस लड़के ने अपनी तीर उस पे चला दी लेकिन तीर से पंछी को कोई नुकसान नहीं हुआ सिर्फ उसका एक पंख गिर गया और वो पंछी उड़ गया.
अगले दिन सुबह उस पंख को राजा के सामने पेश किया गया.तब सारे मंत्रियो को बुलाया गया और सब ने बोला ये सभी शाही खजाने से कही जादा कीमती है .
और राजा ने कहा "इस एक पंख से मेरा क्या होगा मुझे तो पूरा पंछी चाहयिए ऐसा कोन सा बहादुर है जो
इस पंछी को मेरे सामने पेश करेगा "
माली का बड़ा बेटा आगे बड़ा और इसकी ज़िम्मेदारी ली और चला पड़ा उस पंछी की खोज में.जब वो जंगल से निकल रहा था तब उसने एक लोमड़ी को वहा पे बैठा हुआ देखा ये देख कर उसने अपने तीर से उसको निशाना
बनाया.
तब उस लोमड़ी ने कहा "कृपा कर के मुझे मत मरो मै अच्छी सलाह दूंगा मै जनता हु वो सोने का पंछी तुम्हे कैसे मिलेगा, तुम एक गाँव में जाओ जहा तुम्हे 2 घर आमने -सामने नज़र आएंगे ,जिसमे एक खुबसूरत होगा और दूसरी झोपडी जैसी होगा तुम रात को रुकने के लिए झोपडी में रुकना "
लेकिन माली का बेटा सोचने लगा इस लोमड़ी को कैसे पता है ये सब ?और उसने तीर उस पर चला दी लेकिन लोमड़ी भाग गया उसका निशाना चूक गया था .फिर वो गाँव के रास्ते चल दिया जहा पे उसे 2 घर आमने -सामने दिखे.एक घर के सामने कुछ लोग नाच गा रहे थे और वो बहुत अच्छा घर था वही दूसरी तरफ एक झोपडी थी जहा पे गुंडा गर्दी और गरीब लोग थे .
तब उसने सोचा की अगर मै इस झोपडी में गया तो मेरी यह बहुत बड़ी बेवकूफी होगी,इसलिये वो बढ़िया घर में गया,जहा उसने खाया-पिया और अपने लक्ष्य को भूल गया.समय निकलता गया और बड़ा बेटा वापस नहीं आया तब दूसरा बेटा भी निकल गया.
उसका भी यही हाल हुआ जब वो उस घर के सामने पंहुचा तब उसके बड़े भाई ने उसे बुलाया और दोनों खाने-पिने में मस्त हो गये .
जब बहुत टाइम निकल गया तब छोटा बेटा उस पंछी की खोज में निकला उसको भी वही लोमड़ी मिली और उसे वही सलाह दिया उस लड़के ने उसका सुक्रिया बोला.
तब लोमड़ी ने कहा "तुम मेरी पूंछ पे बैठ जाओ मै तुम्हे जल्दी पंहुचा दूंगा"
और जल्द ही दोनों गाँव पहुचे छोटे लड़के ने उस झोपडी में रात बितायी अगले दिन लोमड़ी फिर वापस आया और बोला "तुम आगे बढना तुम्हे एक किला मिलेगा ,जहा बहुत सारे सैनिक गहरी नीद में सो रहे होंगे उनकी तरह ध्यान बिलकुल मत देना और अन्दर जाना,तुम्हे एक कमरा मिलगा जहा पे वो पंछी एक पिंजरे में बैठा होगा उसके सामने ही एक सोने का पिजरा भी होगा लेकिन तुम उस पिजरे को बदलने की कोशिस मत करना नहीं तो पछताओगे "
वो लड़का फिर लोमड़ी के पूंछ पर बैठ गया और उस महल में पहुच गया.और वो महल के अन्दर गया जहा उसे वो पंछी मिला
और उसने सोचा "इस खुबसूरत पंछी को लकड़ी के पिजरे में रखना अच्छी बात नहीं है इसे सोने के पिजरे में रखना चाहयिए".
और जैसी ही उसने पिंजरा खोला पंछी के आवाज़ से सारे सोते सैनिक जग गये और उसे बंदी बना लिया .
अगले दिन उसे दरबार में पेश किया गया और उसे मौत की सजा सुनाई गयी.उसने राजा से विनती की वो उसको छोड़ दे तब राजा ने कहा की वो उसको एक शर्त पे छोड़ सकते है "जाकर मेरे लिए वो सोने का घोडा ले कर आओ जो तूफान से तेज दौड़ सकता है तभी मै तुम्हे माफ़ करूँगा.और तुम्हे वो सोने की पंछी भी दे दूंगा" .
वो लड़का जंगल की तरफ जा रहा था तभी उसे उसका दोस्त लोमड़ी मिला
लोमड़ी ने कहा "देखा क्या हुआ मेरी सलाह ना मानने का नतीजा लेकिन तुम अच्छे लड़के हो इसलिये मै तुम्हरी मदद करूँगा ,तुम सीधे जाना तुम्हे एक किला नज़र आयेगा जहा वो सोने का घोडा खड़ा होगा ,उसके पास ही उसकी देख-रेख करने वाला गहरी नींद में सो रहा होगा ,घोड़े को चुपचाप वहा से निकाल लेना ,और उसके ऊपर पुराना चमड़े का गद्दी डालना ना भूलना उसके पास ही सोने की गद्दी भी होगी तुम उसको हाथ मत लगाना"
और लोमड़ी ने उस लड़के को अपनी पूंछ पे बैठा कर महल के सामने छोड़ दिया,सब कुछ सही जा रहा था .
लेकिन घोड़े के पास जा कर वो लड़का बोला मै इसके ऊपर सोने की गद्दी डालूँगा जिस पर इसका हक़ बनता है लेकिन जैसे उसने सोने की गद्दी उठाई उसका देख -रेख करने वाला जाग गया और उसे बंदी बना लिया और अगले दिन दरबार में पेश किया गया उसने फिर दया की भीख मांगी
तब राजा ने कहा "अगर तुम खबसूरत राजकुमारी को मेरे पास ले कर आओ तो मै तुम्हे माफ़ कर दूंगा और वो पंछी और घोडा अपने पास रख सकते हो"
लड़का फिर निकल पड़ा उसे फिर वो लोमड़ी मिली
उसने कहा "अगर तुमने मेरी बात मानी होती तो आज तुम्हारे पास पंछी के साथ-साथ घोडा भी होता,मै तुम्हरी फिर से मदद करूँगा ,तुम सीधे जाओगे तो एक किले के पास जाओगे जहा राजकुमारी से मिलना और उसे चूम लेना ,और फिर आधी रात को राजकुमारी नहाने जाती है तब वो तुम्हे रास्ता बताएगी,लेकिन एक बात का ध्यान रखना तुम उसे उसके माँ-बाप के पास विदाई लेने बिलकुल भी मत जाने देना "
वो दोनों किले के पास पहुचे और लड़के ने वैसा ही किया ,आधी रात को राजकुमारी से मिला और उसे चूम लिया ,राजकुमारी भी उसके साथ भागने को तैयार हुई,लेकिन उसने रोते हुए लड़के से विनती की वो अपने पिता से मिलना चाहती है,और लड़के ने उसकी बात मान ली ,लेकिन वो जैसे ही अपने पिता से मिलने आयी ,लड़के को फिर से बंदी बना लिया गया.
और राजा ने कहा "तुम मेरी बेटी को तब तक नहीं ले जा सकते जब तक तुम सामने वाले पहाड़ को 8 दिन के अन्दर हटा नहीं देते जो मेरे खिड़की से दिख रहा है"
वो पहाड़ इतना विशाल था की वो सात दिन मे बस कुछ ही हिस्सा तोड़ पाया था ,वो दुखी होकर बैठ गया तभी उसका दोस्त लोमड़ी वहा पे आया और बोला "तुम सो जाओ मै तुम्हारा ये काम कर दूंगा "
वो सो गया और जब सुबह उठा तब उसने देखा पूरा पहाड़ गायब था ,वो खुशी-खुशी राजकुमारी को अपने साथ ले के चल दिया
तभी उसका दोस्त लोमड़ी वहा मिला और उसने कहा "अब तुम तीनो को साथ ले जा सकते हो ,मेरी बात ध्यान से सुनो राजा के पास जाओ और उसे राजकुमारी दे देना,वो बहुत खुश होगा ,फिर तुम घोड़े पे सवार होना और उनसे विदा लेना,राजकुमारी से आखिरी में हाथ मिलाना और तभी उसे झट से घोड़े पे बैठा लेना और जितना जल्दी हो सके वहा से निकल लेना,उसके बाद दुसरे किले में जाना मै राजकुमारी के साथ बाहर रुकुंगा तुम घोड़े को दयालु राजा को दिखाना और वो पंछी बाहर लेकर आ जायेंगा और तुम उस से कहना पंछी मुझे एक बार देखने दो, ये असली सोने का पंछी है की नहीं,जैसे ही तुम्हारे हाथ में पंछी आयेगा तुम वहा से घोड़े पे बैठ के निकल लेना "
जैसा लोमड़ी ने कहा था सब कुछ वैसा ही हुआ
तब उस लड़के ने कहा "तुम्हारा सुक्रिया मेरे दोस्त बोलो मेरे दोस्त तुम्हारे लिए मै क्या कर सकता हु ?"
लोमड़ी ने कहा "मुझे खत्म कर दो "
लड़का चौक गया और बोला "मै ऐसा नहीं कर सकता है तुम मेरे दोस्त हो "
तब लोमड़ी बोला "मेरी एक बात ध्यान रखना वापस जाते वक़्त किसी को भी फांसी से मत बचाना और फिरोती मत देना ,याद रहे नदी के किनारे बिलकुल भी मत बैठना"
वो राजकुमारी के साथ एक गाँव में पंहुचा जहा 2 लोग को फांसी होने वाली थी उसने वहा जाकर देखा वो उसके भाई थे ,जो चोर बन गये तब उस लड़के ने बोला मेरे सारे पैसे ले लो लेकिन इनको छोड़ दो,अपने भाइयो के साथ
वो उस जंगल में पंहुचा जहा उसे लोमड़ी मिली तब उसके
भाइयो ने कहा "आओ यहाँ बैठ कर कुछ खाते है "
उसने उनकी बात मान ली और वो लोमड़ी की बात भूल गया.वो कुछ सोचता उस से पहले ही उसके भाइयो ने उसे नदी में धक्का दे दिया और राजा के पास पहुच के बोले "हम सोने की पंछी के साथ-साथ और भी बहुत कुछ लाये है ,एक सोने का घोडा और एक राजकुमारी और ये सब हमारी मेहनत से हुआ है ."
शाम को जशन रखा गया लेकिन घोडा उदास था ,पंछी गाना नहीं गा रहा था ,और राजकुमारी रो रही थी.
छोटा लड़का नदी में गिर गया था लेकिन पानी कम होने की वजह से उसकी जान बच गयी थी .लेकिन वो इतना गहरे गड्ढे में था की बाहर नहीं निकल पा रहा था .तभी लोमड़ी ने फिर से उसकी मदद करी और उसे नदी से बाहर निकाला.और बताया तुम्हारे भाइयो ने उसके लिए सिपाही रखे है जो उसे देखते ही मार देंगे
तब उस लड़के ने अपना भेष बदला और महल में घुस गया ,जैसे ही वो नज़र आया घोड़े ने खाना शुरू किया ,पंछी ने गाना शुरू किया और राजकुमारी ने रोना बंद कर दिया .
फिर वो राजा के पास गया वो अपने भाइयो के बारे में बताया तब राजा ने उसके भाइयो को कैद कर लिया और राजकुमारी उसे दे दी और राजा के मरने के बाद उसे नया राजा बनाया गया.कुछ दिन गुजर जाने के बाद वो जंगल की तरह गया वहा उसे वही लोमड़ी मिला.
उस लोमड़ी ने उस से गुजारिश की वो उसे खत्म कर दे उसको मुक्ति दिला दे लड़के ने उसको खत्म कर दिया और जैसे ही उसकी मौत हुई वो एक इन्सान में बदल गया और वो राजकुमारी का भाई निकला
जिसको किसी जादूगर ने लोमड़ी बना दिया था .अब सभी खुशी-खुशी रहने लगे थे .
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किसी ज़माने में एक राजा हुआ करता था जिसके पास एक खास -किसम का सेब का पेड़ था जिसके ऊपर सोने के सेब उगते थे .हर रोज माली इन सेब को गिनता था और राजा के हवाले करता था .
लेकिन एक दिन जब माली ने सेब गिने तो उसमे एक सेब कम था.जब माली ने एक सेब कम होने की बात राजा को बतायी तो वो बहुत गुस्सा हो गया.
और सुने कहा "हम चोर को सजा देंगे "
उस रात माली ने अपने बड़े बेटे को पहरेदारी के लिए रखा लेकीन आधी रात को बड़ा बेटा सो गया और अगले दिन एक सेब और चोरी हो गया .
तब माली ने कहा "आज मै अपने दुसरे बेटे को रखवाली के रखूंगा"
रात हो गयी और माली का दूसरा बेटा भी आधी रात में सो गया और अगले दिन फिर से एक सेब कम पाया गया .
फिर सब से छोटे और तीसरे बेटे ने रखवाली की ज़िम्मेदारी ली. रात को जैसे ही 12 बजे कुछ आवाज़ आई ,उस लड़के ने देखा की एक पंछी जो असली में सोने का था उड़ता हुआ वहा गया और सेब खाने लगा .
तब उस लड़के ने अपनी तीर उस पे चला दी लेकिन तीर से पंछी को कोई नुकसान नहीं हुआ सिर्फ उसका एक पंख गिर गया और वो पंछी उड़ गया.
अगले दिन सुबह उस पंख को राजा के सामने पेश किया गया.तब सारे मंत्रियो को बुलाया गया और सब ने बोला ये सभी शाही खजाने से कही जादा कीमती है .
और राजा ने कहा "इस एक पंख से मेरा क्या होगा मुझे तो पूरा पंछी चाहयिए ऐसा कोन सा बहादुर है जो
इस पंछी को मेरे सामने पेश करेगा "
माली का बड़ा बेटा आगे बड़ा और इसकी ज़िम्मेदारी ली और चला पड़ा उस पंछी की खोज में.जब वो जंगल से निकल रहा था तब उसने एक लोमड़ी को वहा पे बैठा हुआ देखा ये देख कर उसने अपने तीर से उसको निशाना
बनाया.
तब उस लोमड़ी ने कहा "कृपा कर के मुझे मत मरो मै अच्छी सलाह दूंगा मै जनता हु वो सोने का पंछी तुम्हे कैसे मिलेगा, तुम एक गाँव में जाओ जहा तुम्हे 2 घर आमने -सामने नज़र आएंगे ,जिसमे एक खुबसूरत होगा और दूसरी झोपडी जैसी होगा तुम रात को रुकने के लिए झोपडी में रुकना "
लेकिन माली का बेटा सोचने लगा इस लोमड़ी को कैसे पता है ये सब ?और उसने तीर उस पर चला दी लेकिन लोमड़ी भाग गया उसका निशाना चूक गया था .फिर वो गाँव के रास्ते चल दिया जहा पे उसे 2 घर आमने -सामने दिखे.एक घर के सामने कुछ लोग नाच गा रहे थे और वो बहुत अच्छा घर था वही दूसरी तरफ एक झोपडी थी जहा पे गुंडा गर्दी और गरीब लोग थे .
तब उसने सोचा की अगर मै इस झोपडी में गया तो मेरी यह बहुत बड़ी बेवकूफी होगी,इसलिये वो बढ़िया घर में गया,जहा उसने खाया-पिया और अपने लक्ष्य को भूल गया.समय निकलता गया और बड़ा बेटा वापस नहीं आया तब दूसरा बेटा भी निकल गया.
उसका भी यही हाल हुआ जब वो उस घर के सामने पंहुचा तब उसके बड़े भाई ने उसे बुलाया और दोनों खाने-पिने में मस्त हो गये .
जब बहुत टाइम निकल गया तब छोटा बेटा उस पंछी की खोज में निकला उसको भी वही लोमड़ी मिली और उसे वही सलाह दिया उस लड़के ने उसका सुक्रिया बोला.
तब लोमड़ी ने कहा "तुम मेरी पूंछ पे बैठ जाओ मै तुम्हे जल्दी पंहुचा दूंगा"
और जल्द ही दोनों गाँव पहुचे छोटे लड़के ने उस झोपडी में रात बितायी अगले दिन लोमड़ी फिर वापस आया और बोला "तुम आगे बढना तुम्हे एक किला मिलेगा ,जहा बहुत सारे सैनिक गहरी नीद में सो रहे होंगे उनकी तरह ध्यान बिलकुल मत देना और अन्दर जाना,तुम्हे एक कमरा मिलगा जहा पे वो पंछी एक पिंजरे में बैठा होगा उसके सामने ही एक सोने का पिजरा भी होगा लेकिन तुम उस पिजरे को बदलने की कोशिस मत करना नहीं तो पछताओगे "
वो लड़का फिर लोमड़ी के पूंछ पर बैठ गया और उस महल में पहुच गया.और वो महल के अन्दर गया जहा उसे वो पंछी मिला
और उसने सोचा "इस खुबसूरत पंछी को लकड़ी के पिजरे में रखना अच्छी बात नहीं है इसे सोने के पिजरे में रखना चाहयिए".
और जैसी ही उसने पिंजरा खोला पंछी के आवाज़ से सारे सोते सैनिक जग गये और उसे बंदी बना लिया .
अगले दिन उसे दरबार में पेश किया गया और उसे मौत की सजा सुनाई गयी.उसने राजा से विनती की वो उसको छोड़ दे तब राजा ने कहा की वो उसको एक शर्त पे छोड़ सकते है "जाकर मेरे लिए वो सोने का घोडा ले कर आओ जो तूफान से तेज दौड़ सकता है तभी मै तुम्हे माफ़ करूँगा.और तुम्हे वो सोने की पंछी भी दे दूंगा" .
वो लड़का जंगल की तरफ जा रहा था तभी उसे उसका दोस्त लोमड़ी मिला
लोमड़ी ने कहा "देखा क्या हुआ मेरी सलाह ना मानने का नतीजा लेकिन तुम अच्छे लड़के हो इसलिये मै तुम्हरी मदद करूँगा ,तुम सीधे जाना तुम्हे एक किला नज़र आयेगा जहा वो सोने का घोडा खड़ा होगा ,उसके पास ही उसकी देख-रेख करने वाला गहरी नींद में सो रहा होगा ,घोड़े को चुपचाप वहा से निकाल लेना ,और उसके ऊपर पुराना चमड़े का गद्दी डालना ना भूलना उसके पास ही सोने की गद्दी भी होगी तुम उसको हाथ मत लगाना"
और लोमड़ी ने उस लड़के को अपनी पूंछ पे बैठा कर महल के सामने छोड़ दिया,सब कुछ सही जा रहा था .
लेकिन घोड़े के पास जा कर वो लड़का बोला मै इसके ऊपर सोने की गद्दी डालूँगा जिस पर इसका हक़ बनता है लेकिन जैसे उसने सोने की गद्दी उठाई उसका देख -रेख करने वाला जाग गया और उसे बंदी बना लिया और अगले दिन दरबार में पेश किया गया उसने फिर दया की भीख मांगी
तब राजा ने कहा "अगर तुम खबसूरत राजकुमारी को मेरे पास ले कर आओ तो मै तुम्हे माफ़ कर दूंगा और वो पंछी और घोडा अपने पास रख सकते हो"
लड़का फिर निकल पड़ा उसे फिर वो लोमड़ी मिली
उसने कहा "अगर तुमने मेरी बात मानी होती तो आज तुम्हारे पास पंछी के साथ-साथ घोडा भी होता,मै तुम्हरी फिर से मदद करूँगा ,तुम सीधे जाओगे तो एक किले के पास जाओगे जहा राजकुमारी से मिलना और उसे चूम लेना ,और फिर आधी रात को राजकुमारी नहाने जाती है तब वो तुम्हे रास्ता बताएगी,लेकिन एक बात का ध्यान रखना तुम उसे उसके माँ-बाप के पास विदाई लेने बिलकुल भी मत जाने देना "
वो दोनों किले के पास पहुचे और लड़के ने वैसा ही किया ,आधी रात को राजकुमारी से मिला और उसे चूम लिया ,राजकुमारी भी उसके साथ भागने को तैयार हुई,लेकिन उसने रोते हुए लड़के से विनती की वो अपने पिता से मिलना चाहती है,और लड़के ने उसकी बात मान ली ,लेकिन वो जैसे ही अपने पिता से मिलने आयी ,लड़के को फिर से बंदी बना लिया गया.
और राजा ने कहा "तुम मेरी बेटी को तब तक नहीं ले जा सकते जब तक तुम सामने वाले पहाड़ को 8 दिन के अन्दर हटा नहीं देते जो मेरे खिड़की से दिख रहा है"
वो पहाड़ इतना विशाल था की वो सात दिन मे बस कुछ ही हिस्सा तोड़ पाया था ,वो दुखी होकर बैठ गया तभी उसका दोस्त लोमड़ी वहा पे आया और बोला "तुम सो जाओ मै तुम्हारा ये काम कर दूंगा "
वो सो गया और जब सुबह उठा तब उसने देखा पूरा पहाड़ गायब था ,वो खुशी-खुशी राजकुमारी को अपने साथ ले के चल दिया
तभी उसका दोस्त लोमड़ी वहा मिला और उसने कहा "अब तुम तीनो को साथ ले जा सकते हो ,मेरी बात ध्यान से सुनो राजा के पास जाओ और उसे राजकुमारी दे देना,वो बहुत खुश होगा ,फिर तुम घोड़े पे सवार होना और उनसे विदा लेना,राजकुमारी से आखिरी में हाथ मिलाना और तभी उसे झट से घोड़े पे बैठा लेना और जितना जल्दी हो सके वहा से निकल लेना,उसके बाद दुसरे किले में जाना मै राजकुमारी के साथ बाहर रुकुंगा तुम घोड़े को दयालु राजा को दिखाना और वो पंछी बाहर लेकर आ जायेंगा और तुम उस से कहना पंछी मुझे एक बार देखने दो, ये असली सोने का पंछी है की नहीं,जैसे ही तुम्हारे हाथ में पंछी आयेगा तुम वहा से घोड़े पे बैठ के निकल लेना "
जैसा लोमड़ी ने कहा था सब कुछ वैसा ही हुआ
तब उस लड़के ने कहा "तुम्हारा सुक्रिया मेरे दोस्त बोलो मेरे दोस्त तुम्हारे लिए मै क्या कर सकता हु ?"
लोमड़ी ने कहा "मुझे खत्म कर दो "
लड़का चौक गया और बोला "मै ऐसा नहीं कर सकता है तुम मेरे दोस्त हो "
तब लोमड़ी बोला "मेरी एक बात ध्यान रखना वापस जाते वक़्त किसी को भी फांसी से मत बचाना और फिरोती मत देना ,याद रहे नदी के किनारे बिलकुल भी मत बैठना"
वो राजकुमारी के साथ एक गाँव में पंहुचा जहा 2 लोग को फांसी होने वाली थी उसने वहा जाकर देखा वो उसके भाई थे ,जो चोर बन गये तब उस लड़के ने बोला मेरे सारे पैसे ले लो लेकिन इनको छोड़ दो,अपने भाइयो के साथ
वो उस जंगल में पंहुचा जहा उसे लोमड़ी मिली तब उसके
भाइयो ने कहा "आओ यहाँ बैठ कर कुछ खाते है "
उसने उनकी बात मान ली और वो लोमड़ी की बात भूल गया.वो कुछ सोचता उस से पहले ही उसके भाइयो ने उसे नदी में धक्का दे दिया और राजा के पास पहुच के बोले "हम सोने की पंछी के साथ-साथ और भी बहुत कुछ लाये है ,एक सोने का घोडा और एक राजकुमारी और ये सब हमारी मेहनत से हुआ है ."
शाम को जशन रखा गया लेकिन घोडा उदास था ,पंछी गाना नहीं गा रहा था ,और राजकुमारी रो रही थी.
छोटा लड़का नदी में गिर गया था लेकिन पानी कम होने की वजह से उसकी जान बच गयी थी .लेकिन वो इतना गहरे गड्ढे में था की बाहर नहीं निकल पा रहा था .तभी लोमड़ी ने फिर से उसकी मदद करी और उसे नदी से बाहर निकाला.और बताया तुम्हारे भाइयो ने उसके लिए सिपाही रखे है जो उसे देखते ही मार देंगे
तब उस लड़के ने अपना भेष बदला और महल में घुस गया ,जैसे ही वो नज़र आया घोड़े ने खाना शुरू किया ,पंछी ने गाना शुरू किया और राजकुमारी ने रोना बंद कर दिया .
फिर वो राजा के पास गया वो अपने भाइयो के बारे में बताया तब राजा ने उसके भाइयो को कैद कर लिया और राजकुमारी उसे दे दी और राजा के मरने के बाद उसे नया राजा बनाया गया.कुछ दिन गुजर जाने के बाद वो जंगल की तरह गया वहा उसे वही लोमड़ी मिला.
उस लोमड़ी ने उस से गुजारिश की वो उसे खत्म कर दे उसको मुक्ति दिला दे लड़के ने उसको खत्म कर दिया और जैसे ही उसकी मौत हुई वो एक इन्सान में बदल गया और वो राजकुमारी का भाई निकला
जिसको किसी जादूगर ने लोमड़ी बना दिया था .अब सभी खुशी-खुशी रहने लगे थे .
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