ब्राम्हण और जिन्न की कहानी bedtime stories in Hindi
इस पोस्ट आप के लिए हम लाये है panchatantra kahani in hindi या फिर कह सकते है hindi kahaniyan for child.अगर आप का बच्चा हिंदी कहानियो का शौकीन है और आप से रोज एक हिंदी कहानी सुनाने को बोलता है तो हमारे पास ऐसी कहानिया का खजाना है.इस पोस्ट में एक small hindi story di gayi है को की एक ब्राह्मण की है .
एक बार की बात है एक गाँव में एक ब्राह्मण रहता था वो अपनी पत्नी और 2 बच्चो के साथ रहता था.वो सुबह उठता और कुए पे जा के नहाता और वापस आ कर फिर सो जाता .
ब्राह्मण के पास किसी भी चीज़ की कमी नहीं थी उसके बहुत बड़ा खेत था जिसमे वो तरह-तरह की
सब्जिया और अनाज उगाता था .बस उसकी एक बुरी आदत थी वो बहुत आलसी था ,इस से उसके घर वाले बहुत परेशान थे वो दिन भर सोता रहता था .
पत्नी:उठो तुम्हे खेत नहीं जाना है क्या ?
ब्राह्मण सोता रहता है और नहीं उठाता है .पत्नी फिर खुद ही खेत चली जाती है .जब पत्नी वापस आ रही होती है तब उसे एक साधू मिलता है रास्ते में .वो साधू को भोजन कराने के लिए घर चलने को कहती है
पत्नी:साधू महाराज आप के बहुत दिन बाद दर्शन हुए है मेरे साथ घर चलिये और मुझे सेवा का मौका दीजिये.
साधू:तुम्हरा दिल बहुत बड़ा है बटी भगवान की कृपा तुम पर यू ही बने रहे है ,चलो
ब्राह्मण की पत्नी साधू को लेकर अपने घर आती है और देखती है की ब्राह्मण भी उठ गया है .साधू को देख कर ब्राह्मण उनकी सेवा करने के लिए बाहर आता है और फिर दोनों मिल कर उस साधू की खूब सेवा करते है .वो उन्हें भोजन कराते है और उसके बाद ब्राह्मण साधू का पैर दबाता है .इस से साधू महाराज बहुत खुस हो जाते है और कहते है बोल बेटा तेरी क्या इच्छा है मै तेरी इच्छा जरुर पूरी करूँगा
ब्राह्मण :साधू महाराज मेरी बस एक ही इच्छा है मुझे कोई काम ना करना पड़े ,कोई हो जो मेरा काम
कर दे .
साधू:ठीक है बेटा मै तुम्हरी ये इच्छा जरुर पूरी करूँगा ,पर याद रखना उसे हमेशा काम में बिजी रखना
वो खाली ना बैठे
उनके जाते ही एक बड़ा सा जिन्न आ जाता है
जिन्न:मालिक मै आप की सेवा में हाज़िर हु ,आज से मै आप का गुलाम हु ,मै आप के लिए क्या कर सकता हु
ब्राह्मण:ऐसा करो तुम खेत में जा के पानी दे आओ
इतना सुनते ही वो जिन्न वहा से गायब हो गया और ब्राह्मण सोचने लगा अब उसे कोई काम करने की जरूरत नहीं है.कुछ देर में जिन्न वापस आ गया और बोला
जिन्न:मालिक मैंने काम कर दिया अब बताये और क्या करू मै?
ब्राह्मण:क्या?इतने बड़े खेत में तुम पानी दे के आ गये ,अब तुम्हे क्या काम दू?
जिन्न:बताओ मालिक मै क्या करू ?नहीं तो मै आप को खा जाऊंगा.
ये बात सुनकर ब्राह्मण डर गया और बोला जा के खेत जोत आओ. ब्राह्मण सोचने लगा उसे बहुत टाइम लगेगा,चलो अब खाना खा लेता हु.लेकिन जिन्न तुरंत वापस आ गया
जिन्न:मालिक मेरा काम खत्म हो गया अब मै क्या करू?
ब्राह्मण:अरे काम-काम-काम, क्या काम दू तुम्हे मै,एक काम करो मेरे सर पे बैठ के तबला बजाओ
इतना कहते ही जिन्न शुरू हो गया उसके सर पे बैठ के तबला बजाने लगा .
ब्राह्मण:अरे ये पागल है क्या ?अब मै क्या करू?इसको क्या दू काम नहीं तो ये मेरा सर ही फोड़ देगा
पत्नी: अगर आप इस से पीछा छुड़ाना चाहते है तो मै इसे एक काम दे सकती हुई पर उस से पहले
आप को मुझसे एक वादा करना होगा
ब्राह्मण:तुम जो बोलोगी मै सब करूँगा बस मेरा इस पीछा छुडवा दो .
पत्नी:आज से आप को अपना सारा काम खुद करना पड़ेगा
ब्राह्मण:ठीक है
पत्नी:सुनो तबला बजाना छोड़ो और जा के हमारे कुत्ते की पूछ जो की टेडी हो गयी है सीधी कर दो .
जिन्न:मै अभी कर देता हु
पत्नी:देखा मैंने कहा था ना की आप का ये आलस एक दिन आप को बहुत परेशान करेगा
ब्राह्मण:हाँ ठीक है समझ गया लेकिन वो अभी मोती की पूछ सीधी कर के आता ही होगा .
पत्नी:आप भी कैसी बात कर रहे है कुत्ते की पूछ भी कभी सीधी नहीं होती है .अब देखना वो मोती की पूछ
सीधी करने में लगा रहेगा और ये काम कभी पूरा नहीं कर पायेगा
ब्राह्मण:आज तो तुमने मुझे बचा लिया अब मै कभी आलस नहीं करूँगा ,अब मै अपना खुद करूँगा
मोरल:आलस छोड़ो और खूब मेहनत करो ,आप जरुर सफल होंगे.
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सब्जिया और अनाज उगाता था .बस उसकी एक बुरी आदत थी वो बहुत आलसी था ,इस से उसके घर वाले बहुत परेशान थे वो दिन भर सोता रहता था .
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ब्राह्मण सोता रहता है और नहीं उठाता है .पत्नी फिर खुद ही खेत चली जाती है .जब पत्नी वापस आ रही होती है तब उसे एक साधू मिलता है रास्ते में .वो साधू को भोजन कराने के लिए घर चलने को कहती है
पत्नी:साधू महाराज आप के बहुत दिन बाद दर्शन हुए है मेरे साथ घर चलिये और मुझे सेवा का मौका दीजिये.
साधू:तुम्हरा दिल बहुत बड़ा है बटी भगवान की कृपा तुम पर यू ही बने रहे है ,चलो
ब्राह्मण की पत्नी साधू को लेकर अपने घर आती है और देखती है की ब्राह्मण भी उठ गया है .साधू को देख कर ब्राह्मण उनकी सेवा करने के लिए बाहर आता है और फिर दोनों मिल कर उस साधू की खूब सेवा करते है .वो उन्हें भोजन कराते है और उसके बाद ब्राह्मण साधू का पैर दबाता है .इस से साधू महाराज बहुत खुस हो जाते है और कहते है बोल बेटा तेरी क्या इच्छा है मै तेरी इच्छा जरुर पूरी करूँगा
ब्राह्मण :साधू महाराज मेरी बस एक ही इच्छा है मुझे कोई काम ना करना पड़े ,कोई हो जो मेरा काम
कर दे .
साधू:ठीक है बेटा मै तुम्हरी ये इच्छा जरुर पूरी करूँगा ,पर याद रखना उसे हमेशा काम में बिजी रखना
वो खाली ना बैठे
उनके जाते ही एक बड़ा सा जिन्न आ जाता है
जिन्न:मालिक मै आप की सेवा में हाज़िर हु ,आज से मै आप का गुलाम हु ,मै आप के लिए क्या कर सकता हु
ब्राह्मण:ऐसा करो तुम खेत में जा के पानी दे आओ
इतना सुनते ही वो जिन्न वहा से गायब हो गया और ब्राह्मण सोचने लगा अब उसे कोई काम करने की जरूरत नहीं है.कुछ देर में जिन्न वापस आ गया और बोला
जिन्न:मालिक मैंने काम कर दिया अब बताये और क्या करू मै?
ब्राह्मण:क्या?इतने बड़े खेत में तुम पानी दे के आ गये ,अब तुम्हे क्या काम दू?
जिन्न:बताओ मालिक मै क्या करू ?नहीं तो मै आप को खा जाऊंगा.
ये बात सुनकर ब्राह्मण डर गया और बोला जा के खेत जोत आओ. ब्राह्मण सोचने लगा उसे बहुत टाइम लगेगा,चलो अब खाना खा लेता हु.लेकिन जिन्न तुरंत वापस आ गया
जिन्न:मालिक मेरा काम खत्म हो गया अब मै क्या करू?
ब्राह्मण:अरे काम-काम-काम, क्या काम दू तुम्हे मै,एक काम करो मेरे सर पे बैठ के तबला बजाओ
इतना कहते ही जिन्न शुरू हो गया उसके सर पे बैठ के तबला बजाने लगा .
ब्राह्मण:अरे ये पागल है क्या ?अब मै क्या करू?इसको क्या दू काम नहीं तो ये मेरा सर ही फोड़ देगा
पत्नी: अगर आप इस से पीछा छुड़ाना चाहते है तो मै इसे एक काम दे सकती हुई पर उस से पहले
आप को मुझसे एक वादा करना होगा
ब्राह्मण:तुम जो बोलोगी मै सब करूँगा बस मेरा इस पीछा छुडवा दो .
पत्नी:आज से आप को अपना सारा काम खुद करना पड़ेगा
ब्राह्मण:ठीक है
पत्नी:सुनो तबला बजाना छोड़ो और जा के हमारे कुत्ते की पूछ जो की टेडी हो गयी है सीधी कर दो .
जिन्न:मै अभी कर देता हु
पत्नी:देखा मैंने कहा था ना की आप का ये आलस एक दिन आप को बहुत परेशान करेगा
ब्राह्मण:हाँ ठीक है समझ गया लेकिन वो अभी मोती की पूछ सीधी कर के आता ही होगा .
पत्नी:आप भी कैसी बात कर रहे है कुत्ते की पूछ भी कभी सीधी नहीं होती है .अब देखना वो मोती की पूछ
सीधी करने में लगा रहेगा और ये काम कभी पूरा नहीं कर पायेगा
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