TB को नज़रअंदाज करना पड़ सकता है भारी tuberculosis in hindi

TB की बीमारी को जानने के लिए tb in hindi language और full form of tb disease
बताया गया है और आप tb ke lakshan या tb treatment in hindi के बारे में भी जान सकते है आप यह भी जान सकते है की आपको किस तरह का खाना खाना चाहए tb patient diet chart in hindi
और जो भी आपके मन में जो भी सवाल है इस post से सब clear हो जायंगे.

TB(Tuberculosis)

ट्यूबरकुलोसिस(TB) या हिंदी में क्षय रोग भी कहते है ये एक बैक्टीरियल रोग है ये रोग बहुत ही संक्रामक रोग है जो रॉड के आकार के माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकोलुसिस नामक जीवाणु से होता है। प्रति वर्ष लाखों लोग इस ट्यूबरकुलोसिस (tuberculosis ) जैसी बीमारी की चपेट में आने से मर जाते हैं। World Health Organization की report के मुताबिक साल 2014 में इस disease के कारण पूरी दुनिया में लगभग 12 से 15 लाख मौत हुई थी. टीबी के जीवाणु से संक्रमित होने के बाद भी कुछ व्यक्तियों के शरीर में इस बीमारी के सक्रिय होने के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, तो उसे इनएक्टिव या असक्रिय टीबी कहते हैं। ये अधिकतर मनुष्य के lungs को अपना शिकार बनाता है लेकिन यह केवल lungs को ही नहीं बल्कि skin, kidney, हड्डियों और साथ ही साथ जोड़ो को भी प्रभावित कर सकता है. यह रोग एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में आसानी से फ़ैल सकता है .


 तो इस रोग से सावधान हो जाय अगर time पे इस रोग का इलाज नहीं किया गया तो यह रोग जानलेवा भी हो सकता है. TB के  कीटाणु- खांसने, बोलने, थूकने, और छींकने द्वारा एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में आसानी से पहुँच सकती है. एक स्वस्थ मनुष्य को TB के कीटाणु के थोड़े  से मात्रा मनुष्य को रोगी बनाने के लिए काफी होती है. जादातर ये  कीटाणु हवा में फैलने के द्वारा होता है. इसीलिए जब खांसी या छींक आती है तो उस वक़्त मुंह में रुमाल आदि रखना जरुरी होती है. कभी-कभी इन जीवाणुयों के संपर्क में आ जाता है परन्तु व्यक्ति के शक्तिशाली रोगप्रतिरोधक क्षमता के कारण उस व्यक्ति को कोई रोग नहीं होता इस स्थति को latent TB कहते  है. इस condition में TB के जीवाणु शरीर में होते है लेकिन शक्तिशाली रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण अस्क्रिय रहते है. लेकिन अगर व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाय तो ये जीवाणु दुबारा सक्रिये होकर उस व्यक्ति को रोगी बना सकते है. दुनिया में जादातर इन्ही रोगियों की संख्या जादा पायी जाती है जो latent TB से ग्रसित होते है.
latent TB में जादा लक्ष्ण देखने को नहीं मिलते लेकिन TB हो जाने पर कुछ लक्ष्ण दिखाई देते है.

लक्ष्ण:-


  • थकावट रहना
  • सांस लेने में परेशानी होना 
  • जादा कमजोरी आ जाना  
  • दर्द का हमेशा रहना 
  • वजन कम होना 
  • बुखार आना
  • बिना किसी मेहनत के पसीना आना 
  • खांसते समय बलगम के स्थ खून आना 
  • उलटी होना 
  • छांती में दर्द महसूस होन  
            


अगर आपको लगातार 2 हफ्ते तक खांसी आ रही हो और 2 हफ़्तों के बाद आपकी खांसी बंद ना हो रही हो तो आपको अपने बलगम की जांच जरूर से जरूर करानी है और ये लक्ष्ण lungs में TB होने के समय होती है.
अगर ये decease आपके दिमाग, जोड़ो, किडनी आदि में हो तो इस के लक्ष्ण अलग भी हो सकते है.

kidney में रोग हो जाय तोह- 
रोगी को पेशाब के साथ खून आना एक आम बात है.


TB होने पर में क्या खायं :-


  • antioxidant फल जैसे- शिमलामिर्च, चेरी, गाजर, टमाटर, berries आदि. 
  • हरे पत्तेदार सब्जियाँ जैसे- पलाक, केले, धनियाँ, सरसों आदि. का सेवन करने से बहुत फायदा होता है 
  • खाना घी या मख्खन की जगह सोयाबीन आयल या olive oil में बनाए.
  • आप सारी जरूरी vitamins भोजन द्वारा नहीं ले सकते इसलिए जरुरी होता है आप डॉ. द्वारा बताई गई दवाइयाँ नियमित रूप से आप सेवन करें.

TB होने पर क्या ना खायं:


  • गुटखा, खैनी, तम्बाकू, पान मसाला, जर्दा आदि का सेवन TB के मरीजों को नहीं करना चाहिए.
  • शराब का भी सेवन नहीं करना चाहिए क्यूंकि TB रोगियों को दी जाने वाली दवाई के प्रभाव को खत्म कर देती है.
  • चाय, सोडा, कॉफ़ी, पैकेट्स चिप्स आदि से आप परहेज कर सकते  है ऐसी चीज़ों का आपको उपयोग नहीं करना चाहिए इसकी जगह आप green tea पी लीजिये.
  • junk food, fast food, oily food को बिलकुल भी हाथ ना लागायं.
  • जरूरी प्रोटीन- अंडे, fish और बीनस से आप प्राप्त कर सकते है और साथ ही high fat और high cholesterol युक्त लाल मिर्च से भी आपको दूरी बनाय रखनी है. और अगर आप नॉन-वेग से दूरी बना सकते है तो उससे भी दूरी बनाय रखे.         

  • बाहर खाने पीने से परहेज कीजिये और अगर आप बहार खाते-पीते भी है तो किसी का झूठा इस्तेमाल मत कीजिये हमेशा साफ़ स्पून, ग्लास आदि का इस्तेमाल कीजिये.


हम सब यह तो जानते ही है की फेफड़े हमारे शरीर के लिए हवा को filter करते है और यही फेफड़े  हर रोज 2100 से लेकर 2400 gallon यानिकी 8000 हजार से लेकर 9000 हजार लीटर तक की हवा को filter करते है.


घरेलु नुस्खे :

घरेलु नुस्खे आपके TB के इजाल को जड़ से खत्म तो नही कर सकता है मगर आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है जिनसे आपका शरीर 6 रोगियों से जल्दी निजात पा लेता है. साथ ही TB के घरेलु इलाज में प्रोयोग होने वाले कुछ component आपके शरीर पर TB के पड़ने वाले दुषप्रभावों को खत्म करने में मदद करता है.
TB से बचाव के लिए आपने भोजन में कुछ चीजों को शामिल कीजिये.

  • लहसुन :- लहसुन TB के लिए बेहतरीन दावा है लहसुन में sulfuric acid और कुछ एसे chemical पाय जाते है जो TB रोग के जीवाणुओं विकास को रोक देते है और वो TB रोग के जीवाणुओं को खत्म करने में भी मदद करते है तो आप अपने  भोजन में लहसून की मात्रा बढाइए.
  • रात को लहसुन की 10 कलियाँ एक cup दूध के साथ उबाल कर  पीजिये ये आपके फायदेमंद है.
  • एक cup दूध में लहसुन के juice की 10 से 15 बूँद डालकर पीजिये और सो जाइये.
  • केले में calcium और जरुरी पोसक तत्व होते है जो रोगी की 6 रोग के immune system को मजबूत करने में मददगार होते है.
  • केले को एक cup नारियल पानी के साथ आधा cup दही के साथ घोलकर पीना बहुत फायदेमंद होता है.
  • शेह्जन के पत्ते में जीवाणु नाशक पाय जाते है जो 6 रोग के बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते है.
 


  • TB रोगियों को एक मुट्ठी शेह्जन की पत्तियां एक cup पानी में उबालकर उसमे थोड़ा सा निम्बू निचोड़ कर रोजाना सुबह खाली पेट लेना चाहिए.
  • आप शेह्जन की फली को भी उबालकर पी सकते है इससे भी आपको अधिक फायदा होगा.
  • आंवले के पोषक तत्व और औषधि गुण आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है जिससे आपको TB से लड़ने की शक्ति मिलती है.
  • आंवले का चूर्ण रोज खाइए और साथ ही आंवले का ताजा juice पीजिये इससे TB रोग की recovery काफी हो जाती है.
  • संतरे में cough कम करने वाले और रोग प्रतिरोधक क्षमता  को बढाने के गुण होते है.
  • दिन में दो बार रोजाना संतरे का सेवन करें.
  • काली मिर्च के औषधि गुण फेफड़ों को साफ़ करते है और छाती में होने वाले दर्द को कम करते है जो बीमारी के कारण high inflammation को कम करने में मदद करते है.
  • थोड़े से घी में 10 दाने काली मिर्च को भुन कर 1 चुटकी हिंग मिलाकर 3 भाग कर लीजिये और हर 3 घंटे बाद एक dose आप ले लिजिये.
  • कद्दू का सेवन करना TB के मरीजों के लिए बहुत ही लाभ दायक  होता है.
  • अखरोट, गाजर का रस और पुदीने का रस  एक साथ घोल कर पी सकते है.
  • अन्नानास का रस भी बहुत लाभकारी होता है.
इस बात को ना भूले की खान पान से आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है यह इलाज नहीं है TB का.
इस रोग का उपचार दवाओं से ही होगा जो बिना gape किये आपको लेनी ही है और साथ में अच्छा भोजन और खुली हवा में टहलने से TB में बहुत फायदा होता है.


उपचार -

  • 25 ग्राम कच्चा नारियल पीसकर शहद से खाएं ये TB के कीटाणुओं को मारता है.
  • भोजन के बाद गुलकंद खाएं.
  • पीपल के पत्ते को जलाकर चूर्ण बना लें daily रात को सोते समय 10 ग्राम चूर्ण फांककर 250 ग्राम औध पी लें. 
  • दो पके केले के बीच में जरा सा खाने वाला चूना रखकर चार महीने तक daily लें.
  • गाय के दूध में 10 ग्राम घी तथा 2 पीपल डालकर दूध को औटाकर daily कुछ महीने तक पिएं.
  • बेल की सुखी गिरी 100 ग्राम लेकर आधा किलो पानी में पकाएं और जब पानी 25 ग्राम रह जाए तो उसमें मिश्री डालकर खाएं इसका कुछ दिनों तक सेवन करें.
  • बकरी के दूध में लहसुन की कलियां daily औटाकर पिएं.
  • दो कलियां लहसुन तथा 4 बादाम - दोनों की चटनी बनाकर 10 ग्राम  शुद्ध शहद के साथ daily लें.
  • 4 दाने मुनक्का (बीज निकालकर), 2 ग्राम पीपल तथा 10 ग्राम खांड - तीनो की चटनी पीसकर सुबह-शाम खाने से दमा, खांसी, श्वास तथा TB नष्ट हो जाती है.
  • पीपल के पेड़ की गुलडियों को सुखा-पीसकर चूर्ण बना लें इसमें से 10 ग्राम चूर्ण दूध के साथ daily लें.
  • दिनभर में एक किलो बकरी का दूध थोडा-थोडा करके पिएं फिर कुछ दिनों में TB का रोग दूर हो जायगा.
  • daily 1 सेब का मुर्रब्बा दोपहर को भोजन के बाद खाएं.

  • 4 लौंग का चूर्ण देसी घी में मिलाकर daily कुछ महीने तक लें.
  • केले के पेड़ के ताने की सब्जी बनाकर daily खाएं.
  • केले के सफ़ेद तने के रस 20 ग्राम की मात्रा में daily 2 बार पीने से TB भाग जाती है.
  • कच्ची लौकी का सफ़ेद गूदा 100 ग्राम लेकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर सेवन करें.
  • मख्खन में 4 काली मिर्च तथा 1 लाल इलायची का चूर्ण मिलाकर daily खाएं.
  • बकरी का दूध तथा शहद daily लेने से TB रोग कम होता है. फिर धीरे धीरे चला जाता है.
  • tb के कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए कच्चे प्याज का रस 4 चम्मच की मात्रा में daily लें.
  • 50 ग्राम पपीते का रस, 20 ग्राम मौसमी का रस और 20 ग्राम अंगूर का रस तीनो को गरम करके पिएं.
  • daily 4 आंवले के रस में थोड़ी सी मिश्री या शहद मिलाकर पिएं.
  • अनारदाना,पीपल,पीपरामूल, धनिया,कालीमिर्च,दालचीनी,तथा तेजपात  सबको 10-10 ग्राम लेकर कूटकर इसका चूर्ण बना ले फिर 4 ग्राम चूर्ण दिन में भोजन के बाद शहद के साथ कुछ महीनो तक सेवन करें.
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