जादुई पेड़ की कहानी prernadayak kahani
इस आर्टिकल में 2 short motivational story in hindi में दी गयी है .अगर आप को small moral stories in hindi और short stories for kids in hindi या फिर panchatantra in hindi का शौक है तो आप हमारे फेसबुक पेज को लाइक कर सकते है .हम आप को एक से एक कहानिया देंगे जिन्हें पढ़ कर आप कुछ सीख लेंगे
एक नदी के किनारे बहुत सुन्दर गाँव था. गाँव के लोग मेहनत मजदूरी के कर के अपना जीवन यापन कर रहे थे
इस गाँव में रामू नाम का एक गरीब चरवाहा था जो अपनी मधुर आवाज़ के लिए प्रसिद्ध था .रामू रोज गाँव के भेड़-बकरियों को गाना सुनाते-सुनाते पास के जंगल में ले जाता था .जंगले एक पर्वत पर था और उसके ऊपर एक विशाल पेड़ था .रामू इस पेड़ के नीचे बैठ कर गाना गाता और सारी भेड़-बकरियों पे नज़र भी रखता था .शाम होते ही रामू सभी भेड़-बकरियों को गाँव वापस लेकर आ जाता और सभी को उनकी भेड़-बकरिया सौंप देता था .
दिन-भर कड़ी धुप में भेड़-बकरियों को चरवाने के लिए उसे एक सिक्का मिलता ये सिक्का रामू घर ले जाता और अपनी माँ को दे देता था .उसका एक छोड़ा भाई भी था .
रामू:आओ माँ खाना खाते है
छोटा भाई:क्या माँ रोज वही रोटी चटनी
माँ:ऐसे नहीं बोलते है बेटा रामू बहुत मेहनत से पैसे कमाता है जिस से हम भर पेट खाना खा पाते है .
रामू हर रोज भेड़ बकरियों को चराने के लिए पर्वत पे ले जाता और मिले हुए पैसे से अपना घर चलाता.
एक दिन रामू जब अपनी भेड़-बकरियों को लेकर पर्वत आया तो देखा एक लकड़हारा उस पेड़ को
काट रहा है .ये देख रामू परेशान हो गया क्यों की उसे उस पेड़ से लगाव हो गया था और उसने सोचा वो उस पेड़ को बचाएगा
रामू:ओ लकड़हारे भाई क्या तुम्हे इस पेड़ के श्रॉप के बारे में नहीं पता,कई सालो पहले एक साधू ने इस पेड़
को श्रॉप दिया था .इस पेड़ पर एक बूढी चुड़ैल रहती है .जो भी इन्सान इस पेड़ को नुकसान पहुचाता है वो उसकी जान ले लेती है इस पहले वो चुड़ैल आये और तुम्हे मार दे यहाँ से भाग जाओ
लकड़हारा डर से भाग गया .तभी उस पेड़ की आत्मा प्रकट हुए
पेड़ की आत्मा:बहुत-बहतु धन्यवाद रामू तुमने मेरी जान बचायी मै तुम्हे एक उपहार देना चाहता हु.
और पेड़ रामू को एक घंटी देता है .
रामू:इस घंटी से क्या होगा ?
पेड़ की आत्मा:ये एक जादुई घंटी है इस घंटी की मदद से तुम जो खाना चाहो तुम्हे मिल जायेगा .
रामू सोचने लगा अब कभी भी मेरा परिवार भूखा नहीं सोयेगा .
पेड़ की आत्मा:लेकिन इस बात का ध्यान रखना इस घंटी का इस्तेमाल दिन में सिर्फ एक ही बार हो सकता है .
जादुई घंटी लेकर रामू घर आया
रामू:माँ देखो मुझे क्या मिला है
माँ:ये क्या है ये तो एक घंटी है
रामू:ये कोई मामूली घंटी नही है ये जादुई घंटी है इस घंटी से हम जो चाहे वो खाना खा सकते है
छोटा भाई:सच में भईया चलो फिर मांगते है.मुझे रोटी,चावल,दाल,पनीर और जलेबी खाना है.
रामू ने घंटी बजाया और सब कुछ हाज़िर हो गया .सब ने खूब खाया.अब रामू खुशी भेड़-बकरिया ले कर जाता था क्यों की उसे अब खाने की टेंशन नहीं थी.
एक बार रामू को बहुत भूख लगी थी और रामू घर आया लेकिन उसने देखा ये क्या ?छोटे भाई ने पहले ही खाना
मंगा लिया और खा लिया है.उसने फिर से घंटी से बजायी लेकिन कुछ नहीं आया तब उसे वो याद आया की घंटी दिन में सिर्फ एक बार इस्तेमाल हो सकती है .
रामू को बहुत भूख लगी थी और खाली बर्तन देख के उसे बहुत गुस्सा आया उसने सोचा ये घंटी उसे मिली थी अपनी भूख मिटाने के लिए अब घंटी अपने साथ लाकर जायेगा .
वो अपने साथ घंटी ले गया उधर उसका छोटा भाई और माँ घंटी खोज रहे थे उन ने सुबह से कुछ नहीं खाया था
उन्हें बहुत भूख लगी थी.जब घंटी नहीं मिली तो माँ-बेटे रामू के आने का इंतजार करने लगे .अब शाम हो गयी थी और रामू आ गया
छोटा भाई:भईया बहुत भूख लगी है और वो जादुई घंटी भी नहीं मिल रही है
रामू:अरे यहाँ है मेरे पास
माँ:तुम इसे अपने साथ ले गये थे पर क्यों बेचारा तुम्हरा छोटा भाई सुबह से भूख से तड़प रहा है.क्या तुम
सारा खाना खुद चाहते थे ?
रामू:नहीं माँ ऐसी बात नहीं है.
छोटा भाई रोने लगा
रामू:मुझे माफ़ कर दो माँ मुझसे गलती हो गयी मै स्वार्थी हो गया था
इस हमे ये सीख मिलती है कभी भी स्वार्थी नहीं होना चाहयिए और अपने आप से पहले अपने परिवार के लिए
सोचना चाहयिए
बहतु पुरानी बात है एक गाँव में एक किसान था वो बहुत गरीब था और उसकी फसल भी नहीं होती थी .इसलिये
वो बहुत उदास रहता था .उसके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे की वो अच्छे बीज खरीद सके खेती के लिए .
काफी समय से उसकी फसल सुखी हुई थी .
एक दिन किसान परेशान हो कर अपने खेत में सो जाता है और घर नहीं जाता है .अगले दिन जब सुबह होती है तो उसे एक सांप दिखता है और किसान डर जाता है .वो सोचने लगता है "अरे ये सांप मेरे खेत के पास में है लगता है ये मेरे खेत का देवता है मैंने इसकी पूजा नहीं की शायद इसलिये मेरा खेत सूख गया है कल से मै इसके लिए रोज दूध लाऊंगा"
अगले दिन वो दूध ले के आता है और सांप के बिल के पास रख देता है और कहता है "सांप देवता मुझे माफ़ कर दीजिये मुझे नहीं पता था की आप मेरे देवता है मेरी भूल को माफ़ कर दे और इस दूध को पी लीजिये "
इतना कह कर किसान चला जाता है ,लेकिन अगले दिन आ कर देखता है उस कटोरी में एक सोने का सिक्का है.किसान सोचता है ये मुझे जरुर उस सांप ने दी है अब मै इसे रोज दूध पिलाऊंगा.
अब किसान हर दिन उस सांप के लिए दूध लाता और सांप उसे एक सोने की मुद्रा दे था .ऐसा करते-करते
किसान के पास काफी सोने की मुद्रा हो गयी थी .
एक दिन किसान का बेटा ये सब करते हुए देख लेता है और पूछता है "आप ये क्या कर रहे हो इस सांप को दूध क्यों पिला रहे हो ?ये आप को कटेगा नहीं इस से आप को डर नहीं लगता है? "
ये सुनकर किसान हसता और बोलता है "बेटा ये सांप ही इस खेत का देवता है और ये हमे काटता नहीं है बल्कि उपहार देता है इसको दूध पिलाने से मुझे हर रोज एक सोने की मुद्रा मिलती है "
ये सुनकर किसान का बेटा कहता है कल से मै भी इसको दूध पिलाऊंगा किसान हाँ कर देता है .
अगले दिन किसान का बेटा उस सांप के लिए दूध लाता और अगले दिन उसे एक सोने की मुद्रा मिलती है
और वो कहता है अगर ये सांप रोज एक सोने की मुदा देता है तो इसके पास पता नहीं कितनी मुद्रा होगी क्यों ना
मै एक साथ ही सारी मुद्रा ले लू.
अगले दिन किसान का बेटा जब दूध ले कर आता है तो साथ में एक डंडा भी ले कर आता है और उस पर वार करता है .सांप भी गुस्से में उसे काट लेता है और किसान का बेटा वही मर जाता है और सांप घायल हो के वहा से चला जाता है .इसलिये कहते है लालच बुरी बला है
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इन कहानियो की विडियो इस लिंक पे क्लिक कर के देख सकते है
https://www.youtube.com/watch?v=402xNG2dj14&t=187s
https://www.youtube.com/watch?v=vtQLSnnEs30
एक नदी के किनारे बहुत सुन्दर गाँव था. गाँव के लोग मेहनत मजदूरी के कर के अपना जीवन यापन कर रहे थे
इस गाँव में रामू नाम का एक गरीब चरवाहा था जो अपनी मधुर आवाज़ के लिए प्रसिद्ध था .रामू रोज गाँव के भेड़-बकरियों को गाना सुनाते-सुनाते पास के जंगल में ले जाता था .जंगले एक पर्वत पर था और उसके ऊपर एक विशाल पेड़ था .रामू इस पेड़ के नीचे बैठ कर गाना गाता और सारी भेड़-बकरियों पे नज़र भी रखता था .शाम होते ही रामू सभी भेड़-बकरियों को गाँव वापस लेकर आ जाता और सभी को उनकी भेड़-बकरिया सौंप देता था .
दिन-भर कड़ी धुप में भेड़-बकरियों को चरवाने के लिए उसे एक सिक्का मिलता ये सिक्का रामू घर ले जाता और अपनी माँ को दे देता था .उसका एक छोड़ा भाई भी था .
रामू:आओ माँ खाना खाते है
छोटा भाई:क्या माँ रोज वही रोटी चटनी
माँ:ऐसे नहीं बोलते है बेटा रामू बहुत मेहनत से पैसे कमाता है जिस से हम भर पेट खाना खा पाते है .
रामू हर रोज भेड़ बकरियों को चराने के लिए पर्वत पे ले जाता और मिले हुए पैसे से अपना घर चलाता.
एक दिन रामू जब अपनी भेड़-बकरियों को लेकर पर्वत आया तो देखा एक लकड़हारा उस पेड़ को
काट रहा है .ये देख रामू परेशान हो गया क्यों की उसे उस पेड़ से लगाव हो गया था और उसने सोचा वो उस पेड़ को बचाएगा
रामू:ओ लकड़हारे भाई क्या तुम्हे इस पेड़ के श्रॉप के बारे में नहीं पता,कई सालो पहले एक साधू ने इस पेड़
को श्रॉप दिया था .इस पेड़ पर एक बूढी चुड़ैल रहती है .जो भी इन्सान इस पेड़ को नुकसान पहुचाता है वो उसकी जान ले लेती है इस पहले वो चुड़ैल आये और तुम्हे मार दे यहाँ से भाग जाओ
लकड़हारा डर से भाग गया .तभी उस पेड़ की आत्मा प्रकट हुए
पेड़ की आत्मा:बहुत-बहतु धन्यवाद रामू तुमने मेरी जान बचायी मै तुम्हे एक उपहार देना चाहता हु.
और पेड़ रामू को एक घंटी देता है .
रामू:इस घंटी से क्या होगा ?
पेड़ की आत्मा:ये एक जादुई घंटी है इस घंटी की मदद से तुम जो खाना चाहो तुम्हे मिल जायेगा .
रामू सोचने लगा अब कभी भी मेरा परिवार भूखा नहीं सोयेगा .
पेड़ की आत्मा:लेकिन इस बात का ध्यान रखना इस घंटी का इस्तेमाल दिन में सिर्फ एक ही बार हो सकता है .
जादुई घंटी लेकर रामू घर आया
रामू:माँ देखो मुझे क्या मिला है
माँ:ये क्या है ये तो एक घंटी है
रामू:ये कोई मामूली घंटी नही है ये जादुई घंटी है इस घंटी से हम जो चाहे वो खाना खा सकते है
छोटा भाई:सच में भईया चलो फिर मांगते है.मुझे रोटी,चावल,दाल,पनीर और जलेबी खाना है.
रामू ने घंटी बजाया और सब कुछ हाज़िर हो गया .सब ने खूब खाया.अब रामू खुशी भेड़-बकरिया ले कर जाता था क्यों की उसे अब खाने की टेंशन नहीं थी.
एक बार रामू को बहुत भूख लगी थी और रामू घर आया लेकिन उसने देखा ये क्या ?छोटे भाई ने पहले ही खाना
मंगा लिया और खा लिया है.उसने फिर से घंटी से बजायी लेकिन कुछ नहीं आया तब उसे वो याद आया की घंटी दिन में सिर्फ एक बार इस्तेमाल हो सकती है .
रामू को बहुत भूख लगी थी और खाली बर्तन देख के उसे बहुत गुस्सा आया उसने सोचा ये घंटी उसे मिली थी अपनी भूख मिटाने के लिए अब घंटी अपने साथ लाकर जायेगा .
वो अपने साथ घंटी ले गया उधर उसका छोटा भाई और माँ घंटी खोज रहे थे उन ने सुबह से कुछ नहीं खाया था
उन्हें बहुत भूख लगी थी.जब घंटी नहीं मिली तो माँ-बेटे रामू के आने का इंतजार करने लगे .अब शाम हो गयी थी और रामू आ गया
छोटा भाई:भईया बहुत भूख लगी है और वो जादुई घंटी भी नहीं मिल रही है
रामू:अरे यहाँ है मेरे पास
माँ:तुम इसे अपने साथ ले गये थे पर क्यों बेचारा तुम्हरा छोटा भाई सुबह से भूख से तड़प रहा है.क्या तुम
सारा खाना खुद चाहते थे ?
रामू:नहीं माँ ऐसी बात नहीं है.
छोटा भाई रोने लगा
रामू:मुझे माफ़ कर दो माँ मुझसे गलती हो गयी मै स्वार्थी हो गया था
इस हमे ये सीख मिलती है कभी भी स्वार्थी नहीं होना चाहयिए और अपने आप से पहले अपने परिवार के लिए
सोचना चाहयिए
कहानी -2 कभी लालच मत करो
बहतु पुरानी बात है एक गाँव में एक किसान था वो बहुत गरीब था और उसकी फसल भी नहीं होती थी .इसलिये
वो बहुत उदास रहता था .उसके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे की वो अच्छे बीज खरीद सके खेती के लिए .
काफी समय से उसकी फसल सुखी हुई थी .
एक दिन किसान परेशान हो कर अपने खेत में सो जाता है और घर नहीं जाता है .अगले दिन जब सुबह होती है तो उसे एक सांप दिखता है और किसान डर जाता है .वो सोचने लगता है "अरे ये सांप मेरे खेत के पास में है लगता है ये मेरे खेत का देवता है मैंने इसकी पूजा नहीं की शायद इसलिये मेरा खेत सूख गया है कल से मै इसके लिए रोज दूध लाऊंगा"
अगले दिन वो दूध ले के आता है और सांप के बिल के पास रख देता है और कहता है "सांप देवता मुझे माफ़ कर दीजिये मुझे नहीं पता था की आप मेरे देवता है मेरी भूल को माफ़ कर दे और इस दूध को पी लीजिये "
इतना कह कर किसान चला जाता है ,लेकिन अगले दिन आ कर देखता है उस कटोरी में एक सोने का सिक्का है.किसान सोचता है ये मुझे जरुर उस सांप ने दी है अब मै इसे रोज दूध पिलाऊंगा.
अब किसान हर दिन उस सांप के लिए दूध लाता और सांप उसे एक सोने की मुद्रा दे था .ऐसा करते-करते
किसान के पास काफी सोने की मुद्रा हो गयी थी .
एक दिन किसान का बेटा ये सब करते हुए देख लेता है और पूछता है "आप ये क्या कर रहे हो इस सांप को दूध क्यों पिला रहे हो ?ये आप को कटेगा नहीं इस से आप को डर नहीं लगता है? "
ये सुनकर किसान हसता और बोलता है "बेटा ये सांप ही इस खेत का देवता है और ये हमे काटता नहीं है बल्कि उपहार देता है इसको दूध पिलाने से मुझे हर रोज एक सोने की मुद्रा मिलती है "
ये सुनकर किसान का बेटा कहता है कल से मै भी इसको दूध पिलाऊंगा किसान हाँ कर देता है .
अगले दिन किसान का बेटा उस सांप के लिए दूध लाता और अगले दिन उसे एक सोने की मुद्रा मिलती है
और वो कहता है अगर ये सांप रोज एक सोने की मुदा देता है तो इसके पास पता नहीं कितनी मुद्रा होगी क्यों ना
मै एक साथ ही सारी मुद्रा ले लू.
अगले दिन किसान का बेटा जब दूध ले कर आता है तो साथ में एक डंडा भी ले कर आता है और उस पर वार करता है .सांप भी गुस्से में उसे काट लेता है और किसान का बेटा वही मर जाता है और सांप घायल हो के वहा से चला जाता है .इसलिये कहते है लालच बुरी बला है
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इन कहानियो की विडियो इस लिंक पे क्लिक कर के देख सकते है
https://www.youtube.com/watch?v=402xNG2dj14&t=187s
https://www.youtube.com/watch?v=vtQLSnnEs30
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